क्या आप जानते व मानते हैं:
(1)*.... (+) "कि भारत, कभी विश्व गुरु, सोने की चिड़िया, सर्व गुण, सर्व शक्ति एवं सर्व विधाओं ही नहीं प्रकृति की सभी संपदाओं से सुसज्जित एक वैभवशाली देवभूमि है! धर्म, तत्व, दर्शन, कला, साहित्य, कृति, प्रकृति, संस्कृति, इतिहास, ज्ञान-विज्ञान, शिक्षा, संस्कार, आचार विचार से समृद्ध आदर्श राष्ट्र रहा है ? जिसे समय के चक्र ने आज इस दुर्दशा तक पहुंचा दिया है !(-) नहीं, मुग़ल व मैकालेवादी तथा शर्म निरपेक्ष इतिहासकारों के इतिहास को मानते हैं ?
(2)* ....(+) धरती केवल भूमि का एक टुकड़ा मात्र नहीं हमारी माता है, मै भारत माता का पुत्र(सपूत): हम राम, कृष्ण से लेकर विक्रमादित्य, चन्द्रगुप्त, पृथ्वी चौहान, शिवाजी, प्रताप, जैसे महा प्रतापी महापुरुषों के वंशज हैं; इस सोच का हर व्यक्ति बिना किसी भेद भाव के मेरा अपना है, मैं उसका हूँ !
(-) नहीं, मैं सांप्रदायिक (राष्ट्रवादी) नहीं (शर्म निरपेक्ष, राष्ट्र घाती) हूँ ?
(3)* ....(+) एक ओर विश्व को परिवार मानने की हमारी परंपरा है, तथा दूसरी ओर विश्व को बाज़ार मानती पश्चिम की सोच व बाप की जागीर मानती धारणाओं से, भारत को कलुषित करने वाली शर्म निरपेक्षता, जिस से भारत को बचा कर ही विश्व का कल्याण संभव है !
(-) नहीं, पश्चिम का अन्धानुकरण ही विकास व प्रगति का मार्ग है, जो ठीक है ?
(4)* ....(+) हमारे देश की स्वतंत्रता के बाद हर सपना चूर चूर करने वाली राज नीति, कांग्रेस की ही देन है, उनके बनाये इस तंत्र के कारण अन्य दल उसका अनुसरण करने को बाध्य हुए ! इसलिए भ्रष्टाचार, असामाजिक वातावरण, अनैतिकता, हर अपराध, हर बीमारी व उसके जन्म का कारण भी कांग्रेस ही है व संरक्षक भी ! इस स्थिति को बदलने की हर आवाज़ को खरीद कर यथास्थिति बनाये रखने की राज नीति का साथी व समाज में गन्दगी फ़ैलाने वाला बिकाऊ भांड मीडिया हर गलत चीज का समर्थन करता है ! इसे बदलना होगा ! क्या, आप भी ऐसा सोचते व परिवर्तन करना चाहते हैं ?
(-) नहीं, सब कुछ ठीक ठाक है !
(5)* ....(+) अब तक जितने भी ऐसे प्रयास हुए एकांगी होने से सत्ता परिवर्तन तक सीमित रहे, आवश्यकता एक व्यापक परिवर्तन की है !
(-) नहीं, यथा स्थिति बनी रहे !
यदि उपरोक्त 5 प्रश्नों के उत्तर में आप सोचते हैं: शर्म निरपेक्षता के इन 5 (-) का यह "राष्ट्र विरोधी हाथ" पराजित हो, इसके लिए एक जुट हो, अपनी संपूर्ण शक्ति लगाकर हम सब "अपना अपना (+) हाथ" उठाकर विरोध करेंगे !
तिलक संपादक मिडिया समूह 9911111611, 9654675533, tilak@yugdarpan.com, yugdarpan@gmail.com, yugdarpanh@rediff.com, yugdarpanh@yahoo.com
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था,आजभी इसमें वह गुण,योग्यता व क्षमता विद्यमान है! आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक