"मेरा देश इंडिया"....- तिलक
कई दिन से सोचता था भारत का अमन चैन जाने कहाँ खो गया है!
वसुधैव कुतुम्कम का प्रणेता भाईचारा था इसे कौन खा गया है!
बटोर ज्ञान, लगाया ध्यान, तब जाना जब कर डाले सब अनुसन्धान!
जब से कथित आज़ादी के साथ भारत देश का बंटवारा हो गया है!
भारत को मिटा कर बना डाले एक हिंदुस्तान व दूजा पाकिस्तान!
पहले भारत नहीं रहने दिया अब न रहा हिंदुस्तान या पाकिस्तान!
पाकिस्तान को वहां की सरकार ने नापाक कर डाला!
यहाँ की सरकार भी कम न थी हिन्दुओं को मिटा डाला!
उनका वो देश अतंकिया है तो मेरा ये देश भी इंडिया है!
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था,
आजभी इसमें वह गुण,योग्यता
व क्षमता विद्यमान है!
आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक
कई दिन से सोचता था भारत का अमन चैन जाने कहाँ खो गया है!
वसुधैव कुतुम्कम का प्रणेता भाईचारा था इसे कौन खा गया है!
बटोर ज्ञान, लगाया ध्यान, तब जाना जब कर डाले सब अनुसन्धान!
जब से कथित आज़ादी के साथ भारत देश का बंटवारा हो गया है!
भारत को मिटा कर बना डाले एक हिंदुस्तान व दूजा पाकिस्तान!
पहले भारत नहीं रहने दिया अब न रहा हिंदुस्तान या पाकिस्तान!
पाकिस्तान को वहां की सरकार ने नापाक कर डाला!
यहाँ की सरकार भी कम न थी हिन्दुओं को मिटा डाला!
उनका वो देश अतंकिया है तो मेरा ये देश भी इंडिया है!
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था,
आजभी इसमें वह गुण,योग्यता
व क्षमता विद्यमान है!
आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें