नई दिल्ली।। गणतंत्र दिवस की परेड में भारतीय संस्कृति की झलक तो दिखी ही साथ ही भारत ने अपनी अद्भुत सैन्य क्षमता का भी प्रदर्शन किया । विश्व भर में अपनी प्रहार क्षमता के लिए चर्चित टी-90 (भीष्म) टैंकों का दस्ता जैसे ही राजपथ से गुजरा धरती जैसे मानो हिलने सी लगी। 5 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम इस अत्यंत शक्तिशाली टैंक को देखकर वहां उपस्थित लोग रोमांचित हो उठे। यह टैंक 'थर्मल इमेजिंग' शक्ति की सहायता से रात में भी 4 किलोमीटर तक मार कर सकता है। 60 किलोमीटर की गति से चलने में सक्षम इस टी-90 भीष्म टैंक में परमाणु, जैविक और रासायनिक हमले से बचाव के उपकरण लगे हुए हैं। भीष्म टैंकों की गड़गड़ाहट के बाद लोग पहली सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की प्रेषण प्रणाली देख पाए । सभी स्थिति में प्रभावी भारत और रूसी सहयोग से निर्मित यह क्रूज मिसाइल किसी भी प्रेषण स्थल जैसे भूमि, समुद्र, समुद्र के अंदर से हवा में छोड़ी जा सकती है। । इसके बाद 'विजयी भव' के उद्घोष के साथ दुश्मन सेना पर भारी गोलीबारी कर तांडव मचाने वाली मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर प्रणाली 'पिनीका' और इसके बाद परेड में शत्रु सेना पर लंबी दूरी तक नजर रखने में सक्षम टैक्टिनकल कंट्रोल रडार-रिपोर्टर का नंबर आया। 2003 में सेना में शामिल किए गए इस राडार से 40 हजार मीटर तक निगरानी की जा सकती है। |
बुधवार, 26 जनवरी 2011
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