महंगाई के विरोध में ऐतिहासिक रैली
संसद से सड़क तक संघर्ष जारी रहेगा
गत 21 अप्रैल, 2010 को यूपीए सरकार की गलत नीतियों से बेलगाम हुई महंगाई के विरोध में भाजपा के आह्वान पर देश के कोने-कोने से आए लाखों लोगों ने संसद पर दस्तक दिया और कांग्रेसनीत केन्द्र सरकार को चेतावनी दी कि ‘महंगाई रोक दो-वरना गद्दी छोड़ दो’।
महंगाई से आम आदमी किस कदर परेशान हैं इसकी बानगी रामलीला मैदान में स्वत: ही दृष्यमान हो रही थी। वर्षों बाद लोगों का सैलाब इस कदर उमड़ा कि यह मैदान छोटा पड़ गया। जितने लोग रामलीला मैदान में थे उतने ही लोग दिल्ली की सड़कों पर। भारत की राजधानी महंगाई विरोधी नारों से दिन भर गूंजती रही। महंगाई के विरोध में रामलीला मैदान में एक विशाल जनसभा का आयोजन हुआ। इसके पश्चात् लाखों प्रदर्शनकारियों ने एक हाथ में भाजपा का झंडा तो दूसरे हाथ में तख्ती लिए संसद की ओर मार्च किया। तख्तियों पर- ‘सोनिया-मनमोहन की जोड़ी, आम आदमी की कमर तोड़ी’, ‘सोनिया का देखो खेल, महंगी चीनी महंगा तेल’, ‘कांग्रेस का हाथ, जमाखोरों के साथ’, ‘जबसे कांग्रेस आई है, कमरतोड़ महंगाई है’, ‘घेरो संसद बांधो दाम, महंगाई पर कसो लगाम’, आदि महंगाई विरोधी नारे लिखे हुए थे।
जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी ने संप्रग सरकार को गांव, गरीब और मजदूर विरोधी सरकार करार दिया। उन्होंने कहा कि ‘गरीबी हटाओ’ के नाम पर कांग्रेस सरकार गरीबों को हटाने पर तुली हुई है। इस सरकार के शासन में भ्रष्टाचार चरम पर है। दाल, चावल और चीनी का घोटाला हुआ। गोदामों में अनाज सड़ रहा है। आम आदमी दाने-दाने को मोहताज है। किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हो रहे हैं। इस सरकार ने गरीब आदमी के पेट पर लात मारी है, हमें इसके खिलाफ लड़ना है।
उन्होंने कहा कि महंगाई को कम करने के लिए केन्द्र सरकार गंभीर नहीं है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम Double digit growth rate की तरफ जा रहे हैं। कमलनाथ कहते हैं कि गरीब लोग ज्यादा खाते हैं। चिदम्बरम ने कहा कि हमने कुत्तों के खाने वाली बिस्किट पर टैक्स माफ कर दिया है। प्रणब कहते हैं कि चिंता की कोई बात नहीं। शरद पवार का कहना है कि चीनी, गेहूं, चावल की कीमतें अमेरिका और इंग्लैंड की तुलना में भारत में सस्ती है। सोनिया गांधी कहती हैं कि खाद्य पदार्थों की महंगाई के बारे में कांग्रेस सरकार को पत्र लिखेगी। श्री गडकरी ने कहा कि यूपीए सरकार ने दावा किया था कि 100 दिनों के अंदर महंगाई कम हो जाएगी। लेकिन अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली कांग्रेस शासन में महंगाई बढ़ती ही जा रही है। सरकार की नीयत में खोट है। देश में बढ़ रही महंगाई के लिए यूपीए की गलत आर्थिक नीति और कुशासन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि हमने हाल में महंगाई को लेकर चार्जशीट जारी की और प्रधानमंत्रीजी से 14 सवाल पूछे लेकिन वो जवाब नहीं दे पाए। मैं विश्वास से कह सकता हूं कांग्रेस का कोई माई का लाल इन सवालों का जवाब नहीं दे सकता। यदि उनमें हिम्मत है तो वे हमसे मीडिया में खुली बहस करे।
उन्होंने आंकडों का हवाला देकर संप्रग सरकार की पोल खोलते हुए कहा कि विश्व में चीनी 28 रूपए किलो है जबकि भारत में 38 रूपए किलो, ऐसा क्यों?48 लाख टन चीनी का निर्यात 12.50 रूपए से किया गया और उसे 22 रूपए की दर से आयात किया गया। अभी भी देश में 42 करोड़ लोगों से भी ज्यादा गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं। मेरे पास 25 देषों की महंगाई के आंकड़े हैं। इन देशों में मुद्रास्फीति की दर दो प्रतिशत है जबकि भारत में यह 11 प्रतिशत है।
श्री गडकरी ने उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि करोडों रूपए पुतले के लिए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन किसानों के हितों की रक्षा के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देशवासियों को अब अटलजी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की याद आने लगी है। उन दिनों लोग मेहमानों का सत्कार करने में जुट जाते थे तो वहीं आज कांग्रेस शासन में लोग कहते हैं कि आया मेहमान कब जाए कि हम खाना खाएं।
श्री गडकरी ने कहा कि महंगाई के विरूध्द संघर्ष में आज जितने लोग यहां आए हैं उससे 10 गुना लोग दिल्ली की सड़कों पर खड़े हैं। महंगाई के प्रति जनता में बेहद आक्रोश व्याप्त है, आज की रैली ने यह सिध्द कर दिया है।
भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष श्री लालकृष्ण आडवाणी ने भाजपा के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी को बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में दिल्ली मे आयोजित यह पहली रैली असाधारण है। इसने पूर्व की सभी रैलियों को मात दे दी है।
उन्होंने कहा कि महंगाई को लेकर यह सरकार पूरी तरह विफल हुई है। महंगाई जिस प्रकार से बढ़ी है उससे आम आदमी तो त्रस्त हैं ही मध्यम श्रेणी के लोग भी परेशान हैं। गत 6 सालों से खाद्य पदार्थों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। 100 प्रतिशत, 200 प्रतिशत और 250 प्रतिशत तक बढ़ी।
उन्होंने कहा कि कांग्रस शासन में महंगाई बढ़ने के दो प्रमुख कारण हैं, पहला- कुप्रबंधन और दूसरा- घोटालों के रूप में भ्रष्टाचार। वहीं भाजपा शासित राज्यों- मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड, कर्नाटक प्रगति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महंगाई के विरोध में इस संघर्ष में इतनी बड़ी संख्या में लोग आए हैं। यूपीए सरकार समझ ले कि यह संकट की चेतावनी है।
लोकसभा में विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि देश में बढ रही महंगाई को लेकर यूपीए सरकार ने तीन प्रमुख कारण गिनाए हैं। पहला, प्राकृतिक आपदा, दूसरा, किसानों को अधिक समर्थन मूल्य देना और तीसरा, आर्थिक मंदी। यह गलत है। वास्तव में सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि संप्रग शासन में दाल, चीनी और चावल के आयात-निर्यात में घोटाला हुआ। इसी महाघोटालों के विरोध में यह संघर्ष हैं। आज देश की जनता बेखबर सरकार को चेताने आई हैं। जनता के इस संघर्ष में भाजपा आग्रणी भूमिका निभाएगी।
उन्होंने रैली में उपस्थित विशाल जनसमूह से ‘महंगाई रोक दो-वरना गद्दी छोड़ दो’ का सामूहिक नारा उद्धोष कराया और कहा कि यह संघर्ष जो छिड़ा है आज केवल आगाज है। सरकार चेत जाए और जनता का दुख-दर्द दूर करे। यदि सरकार ने महंगाई खत्म नहीं की तो गद्दी छोड़वाकर रहेंगे।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री अरुण जेटली ने कहा कि जब भाजपा ने महंगाई के विरोध में 21 अप्रैल को विशाल रैली करने की घोषणा की, तो उस वक्त कई लोगों ने आषंकाएं व्यक्त की थी, लेकिन आज सबको यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा संसद में भी जरूरी मुद्दों पर आवाज बुलंद करती है और सड़कों पर भी प्रबल संघर्श करती है।
श्री जेटली ने यूपीए सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार देते हुए कहा कि यह सरकार आतंकवाद से लड़ने में नाकामयाब रही। माओवाद से लड़ने में अक्षम साबित हुई और महंगाई को कम करने के मोर्चे पर तो सरकार पूरी तरह से विफल हो गई।
उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी से बाहर निकलने के बाद कीमतें कम हो जाती हैं लेकिन हिन्दुस्तान में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ गई। देश में रिकार्ड पैदावार हुई। सरकारी गोदामों में अनाज सड़ रहा है। किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा है। बजट में डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ा दीं। वहीं चीनी पर एक्साइज डयूटी बढ़ा देना, यह सरकार की गलत नीतियां हैं। यदि ऐसे ही हालात रहे तो अगले 6 महीने में कीमतें और बढ़ेंगी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि महंगाई के विरूध्द यह महाकुंभ है। यह संघर्ष केवल रैली आयोजन तक नहीं, केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के विरूद्ध संघर्ष जारी रहेगा।
डॉ. जोशी ने कहा कि महंगाई कांग्रेस के चरित्र में है। इंदिरा गांधी के समय में भी महंगाई बेलगाम रही जबकि जनता पार्टी और भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के समय महंगाई नियंत्रित रही।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार आम आदमी के नाम पर सत्ता में आकर धनी लोगों के लिए काम करती है। यूपीए के मंत्रियों के पास महंगाई की तरफ ध्यान देने की फुर्सत नहीं है, उसके कृषि मंत्री व विदेश मंत्री क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि उसने जनता को आश्वासन देने के अलावा क्या दिया है। सट्टाबाजार व जमाखोरों के कारण महंगाई बढ़ रही है। गरीबों की जेब काटकर सट्टाबाजार बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि जनता में सरकार की गलत नीतियों के प्रति आक्रोश है। यह अंगड़ाई मात्र है। आगे बड़ी लड़ाई है। इसके साथ ही उन्होंने यूपीए सरकार को चेताते हुए कहा कि जो सरकार देश के आम आदमी को बुनियादी सुविधाओं न उपलब्ध करा सके उसे एक मिनट भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज संसद पर देश के कोने-कोने से लाखों लोग दस्तक देने आए हैं और वे आवाज बुलंद कर रहे हैं कि या तो महंगाई कम करो या गद्दी छोड़ दो।
श्री सिंह ने कहा कि जब-जब केन्द्र में कांग्रेस की सरकार आई, तब-तब महंगाई बेतहाशा बढ़ी जबकि एनडीए शासन के दौरान महंगाई बंधी रही। गत 6 वर्षों से महंगाई बेलगाम है। क्या कारण है कांग्रेस के हुकूमत में महंगाई बढ़ने लगती है। सच तो यह है कि कांग्रेस सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण महंगाई बढ़ रही है।
उन्होंने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि यूपीए को सर्वाधिक चिंता आइपीएल की रहती है लेकिन वह देश की बुनियादी समस्याओं के बारे में चुप्पी साधे रहती है। गांव की गरीबी निरंतर बढ़ती जा रही है। गरीब और गरीब होते जा रहे हैं वहीं अमीर और अमीर होते जा रहे हैं। 42 करोड़ गरीबी रेखा के नीचे जीवन निर्वाह करने पर अभिशप्त हैं। लाखों टन गेहूं सरकार के गोदामों में सड़ रहा है। उचित कीमत पर न खाद्य मिल रहा है और न ही पानी, बिजली मिल पा रही है। लेकिन कांग्रेस सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगती। उन्होंने कहा कि किसानों की माली हालात सुधारे बिना समृध्द भारत का सपना साकार नहीं हो पाएगा। किसानों की क्रयक्षमता बढ़ानी होगी।
उन्होंने कहा कि सारे हिन्दुस्तान में हाहाकार मचा है। महंगाई से लड़ने की कूव्वत सिर्फ भाजपा में है। दिल्ली में दी गई यह दस्तक गांव-गांव तक पहुंचनी चाहिए।
इस रैली में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वेंकैया नायडू, राष्ट्रीय महामंत्री श्री अनंत कुमार, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रीगण सर्वश्री शिवराज सिंह चौहान (मध्यप्रदेश), प्रो. प्रेमकुमार धूमल (हिमाचल प्रदेश), श्री सुशील कुमार मोदी, (उपमुख्यमंत्री, बिहार) ने भी जनसभा को संबोधित किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ भी उपस्थित थे। सभा का संचालन राष्ट्रीय महासचिव श्री विजय गोयल ने किया। यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था,आजभी इसमें वह गुण,योग्यता व क्षमता विद्यमान है! आओ मिलकर इसे बनायें- तिलक
संसद से सड़क तक संघर्ष जारी रहेगा
गत 21 अप्रैल, 2010 को यूपीए सरकार की गलत नीतियों से बेलगाम हुई महंगाई के विरोध में भाजपा के आह्वान पर देश के कोने-कोने से आए लाखों लोगों ने संसद पर दस्तक दिया और कांग्रेसनीत केन्द्र सरकार को चेतावनी दी कि ‘महंगाई रोक दो-वरना गद्दी छोड़ दो’।
महंगाई से आम आदमी किस कदर परेशान हैं इसकी बानगी रामलीला मैदान में स्वत: ही दृष्यमान हो रही थी। वर्षों बाद लोगों का सैलाब इस कदर उमड़ा कि यह मैदान छोटा पड़ गया। जितने लोग रामलीला मैदान में थे उतने ही लोग दिल्ली की सड़कों पर। भारत की राजधानी महंगाई विरोधी नारों से दिन भर गूंजती रही। महंगाई के विरोध में रामलीला मैदान में एक विशाल जनसभा का आयोजन हुआ। इसके पश्चात् लाखों प्रदर्शनकारियों ने एक हाथ में भाजपा का झंडा तो दूसरे हाथ में तख्ती लिए संसद की ओर मार्च किया। तख्तियों पर- ‘सोनिया-मनमोहन की जोड़ी, आम आदमी की कमर तोड़ी’, ‘सोनिया का देखो खेल, महंगी चीनी महंगा तेल’, ‘कांग्रेस का हाथ, जमाखोरों के साथ’, ‘जबसे कांग्रेस आई है, कमरतोड़ महंगाई है’, ‘घेरो संसद बांधो दाम, महंगाई पर कसो लगाम’, आदि महंगाई विरोधी नारे लिखे हुए थे।
जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी ने संप्रग सरकार को गांव, गरीब और मजदूर विरोधी सरकार करार दिया। उन्होंने कहा कि ‘गरीबी हटाओ’ के नाम पर कांग्रेस सरकार गरीबों को हटाने पर तुली हुई है। इस सरकार के शासन में भ्रष्टाचार चरम पर है। दाल, चावल और चीनी का घोटाला हुआ। गोदामों में अनाज सड़ रहा है। आम आदमी दाने-दाने को मोहताज है। किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हो रहे हैं। इस सरकार ने गरीब आदमी के पेट पर लात मारी है, हमें इसके खिलाफ लड़ना है।
उन्होंने कहा कि महंगाई को कम करने के लिए केन्द्र सरकार गंभीर नहीं है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम Double digit growth rate की तरफ जा रहे हैं। कमलनाथ कहते हैं कि गरीब लोग ज्यादा खाते हैं। चिदम्बरम ने कहा कि हमने कुत्तों के खाने वाली बिस्किट पर टैक्स माफ कर दिया है। प्रणब कहते हैं कि चिंता की कोई बात नहीं। शरद पवार का कहना है कि चीनी, गेहूं, चावल की कीमतें अमेरिका और इंग्लैंड की तुलना में भारत में सस्ती है। सोनिया गांधी कहती हैं कि खाद्य पदार्थों की महंगाई के बारे में कांग्रेस सरकार को पत्र लिखेगी। श्री गडकरी ने कहा कि यूपीए सरकार ने दावा किया था कि 100 दिनों के अंदर महंगाई कम हो जाएगी। लेकिन अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली कांग्रेस शासन में महंगाई बढ़ती ही जा रही है। सरकार की नीयत में खोट है। देश में बढ़ रही महंगाई के लिए यूपीए की गलत आर्थिक नीति और कुशासन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि हमने हाल में महंगाई को लेकर चार्जशीट जारी की और प्रधानमंत्रीजी से 14 सवाल पूछे लेकिन वो जवाब नहीं दे पाए। मैं विश्वास से कह सकता हूं कांग्रेस का कोई माई का लाल इन सवालों का जवाब नहीं दे सकता। यदि उनमें हिम्मत है तो वे हमसे मीडिया में खुली बहस करे।
उन्होंने आंकडों का हवाला देकर संप्रग सरकार की पोल खोलते हुए कहा कि विश्व में चीनी 28 रूपए किलो है जबकि भारत में 38 रूपए किलो, ऐसा क्यों?48 लाख टन चीनी का निर्यात 12.50 रूपए से किया गया और उसे 22 रूपए की दर से आयात किया गया। अभी भी देश में 42 करोड़ लोगों से भी ज्यादा गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं। मेरे पास 25 देषों की महंगाई के आंकड़े हैं। इन देशों में मुद्रास्फीति की दर दो प्रतिशत है जबकि भारत में यह 11 प्रतिशत है।
श्री गडकरी ने उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि करोडों रूपए पुतले के लिए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन किसानों के हितों की रक्षा के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देशवासियों को अब अटलजी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की याद आने लगी है। उन दिनों लोग मेहमानों का सत्कार करने में जुट जाते थे तो वहीं आज कांग्रेस शासन में लोग कहते हैं कि आया मेहमान कब जाए कि हम खाना खाएं।
श्री गडकरी ने कहा कि महंगाई के विरूध्द संघर्ष में आज जितने लोग यहां आए हैं उससे 10 गुना लोग दिल्ली की सड़कों पर खड़े हैं। महंगाई के प्रति जनता में बेहद आक्रोश व्याप्त है, आज की रैली ने यह सिध्द कर दिया है।
भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष श्री लालकृष्ण आडवाणी ने भाजपा के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी को बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में दिल्ली मे आयोजित यह पहली रैली असाधारण है। इसने पूर्व की सभी रैलियों को मात दे दी है।
उन्होंने कहा कि महंगाई को लेकर यह सरकार पूरी तरह विफल हुई है। महंगाई जिस प्रकार से बढ़ी है उससे आम आदमी तो त्रस्त हैं ही मध्यम श्रेणी के लोग भी परेशान हैं। गत 6 सालों से खाद्य पदार्थों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। 100 प्रतिशत, 200 प्रतिशत और 250 प्रतिशत तक बढ़ी।
उन्होंने कहा कि कांग्रस शासन में महंगाई बढ़ने के दो प्रमुख कारण हैं, पहला- कुप्रबंधन और दूसरा- घोटालों के रूप में भ्रष्टाचार। वहीं भाजपा शासित राज्यों- मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड, कर्नाटक प्रगति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महंगाई के विरोध में इस संघर्ष में इतनी बड़ी संख्या में लोग आए हैं। यूपीए सरकार समझ ले कि यह संकट की चेतावनी है।
लोकसभा में विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि देश में बढ रही महंगाई को लेकर यूपीए सरकार ने तीन प्रमुख कारण गिनाए हैं। पहला, प्राकृतिक आपदा, दूसरा, किसानों को अधिक समर्थन मूल्य देना और तीसरा, आर्थिक मंदी। यह गलत है। वास्तव में सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि संप्रग शासन में दाल, चीनी और चावल के आयात-निर्यात में घोटाला हुआ। इसी महाघोटालों के विरोध में यह संघर्ष हैं। आज देश की जनता बेखबर सरकार को चेताने आई हैं। जनता के इस संघर्ष में भाजपा आग्रणी भूमिका निभाएगी।
उन्होंने रैली में उपस्थित विशाल जनसमूह से ‘महंगाई रोक दो-वरना गद्दी छोड़ दो’ का सामूहिक नारा उद्धोष कराया और कहा कि यह संघर्ष जो छिड़ा है आज केवल आगाज है। सरकार चेत जाए और जनता का दुख-दर्द दूर करे। यदि सरकार ने महंगाई खत्म नहीं की तो गद्दी छोड़वाकर रहेंगे।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री अरुण जेटली ने कहा कि जब भाजपा ने महंगाई के विरोध में 21 अप्रैल को विशाल रैली करने की घोषणा की, तो उस वक्त कई लोगों ने आषंकाएं व्यक्त की थी, लेकिन आज सबको यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा संसद में भी जरूरी मुद्दों पर आवाज बुलंद करती है और सड़कों पर भी प्रबल संघर्श करती है।
श्री जेटली ने यूपीए सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार देते हुए कहा कि यह सरकार आतंकवाद से लड़ने में नाकामयाब रही। माओवाद से लड़ने में अक्षम साबित हुई और महंगाई को कम करने के मोर्चे पर तो सरकार पूरी तरह से विफल हो गई।
उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी से बाहर निकलने के बाद कीमतें कम हो जाती हैं लेकिन हिन्दुस्तान में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ गई। देश में रिकार्ड पैदावार हुई। सरकारी गोदामों में अनाज सड़ रहा है। किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा है। बजट में डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ा दीं। वहीं चीनी पर एक्साइज डयूटी बढ़ा देना, यह सरकार की गलत नीतियां हैं। यदि ऐसे ही हालात रहे तो अगले 6 महीने में कीमतें और बढ़ेंगी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि महंगाई के विरूध्द यह महाकुंभ है। यह संघर्ष केवल रैली आयोजन तक नहीं, केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के विरूद्ध संघर्ष जारी रहेगा।
डॉ. जोशी ने कहा कि महंगाई कांग्रेस के चरित्र में है। इंदिरा गांधी के समय में भी महंगाई बेलगाम रही जबकि जनता पार्टी और भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के समय महंगाई नियंत्रित रही।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार आम आदमी के नाम पर सत्ता में आकर धनी लोगों के लिए काम करती है। यूपीए के मंत्रियों के पास महंगाई की तरफ ध्यान देने की फुर्सत नहीं है, उसके कृषि मंत्री व विदेश मंत्री क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि उसने जनता को आश्वासन देने के अलावा क्या दिया है। सट्टाबाजार व जमाखोरों के कारण महंगाई बढ़ रही है। गरीबों की जेब काटकर सट्टाबाजार बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि जनता में सरकार की गलत नीतियों के प्रति आक्रोश है। यह अंगड़ाई मात्र है। आगे बड़ी लड़ाई है। इसके साथ ही उन्होंने यूपीए सरकार को चेताते हुए कहा कि जो सरकार देश के आम आदमी को बुनियादी सुविधाओं न उपलब्ध करा सके उसे एक मिनट भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज संसद पर देश के कोने-कोने से लाखों लोग दस्तक देने आए हैं और वे आवाज बुलंद कर रहे हैं कि या तो महंगाई कम करो या गद्दी छोड़ दो।
श्री सिंह ने कहा कि जब-जब केन्द्र में कांग्रेस की सरकार आई, तब-तब महंगाई बेतहाशा बढ़ी जबकि एनडीए शासन के दौरान महंगाई बंधी रही। गत 6 वर्षों से महंगाई बेलगाम है। क्या कारण है कांग्रेस के हुकूमत में महंगाई बढ़ने लगती है। सच तो यह है कि कांग्रेस सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण महंगाई बढ़ रही है।
उन्होंने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि यूपीए को सर्वाधिक चिंता आइपीएल की रहती है लेकिन वह देश की बुनियादी समस्याओं के बारे में चुप्पी साधे रहती है। गांव की गरीबी निरंतर बढ़ती जा रही है। गरीब और गरीब होते जा रहे हैं वहीं अमीर और अमीर होते जा रहे हैं। 42 करोड़ गरीबी रेखा के नीचे जीवन निर्वाह करने पर अभिशप्त हैं। लाखों टन गेहूं सरकार के गोदामों में सड़ रहा है। उचित कीमत पर न खाद्य मिल रहा है और न ही पानी, बिजली मिल पा रही है। लेकिन कांग्रेस सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगती। उन्होंने कहा कि किसानों की माली हालात सुधारे बिना समृध्द भारत का सपना साकार नहीं हो पाएगा। किसानों की क्रयक्षमता बढ़ानी होगी।
उन्होंने कहा कि सारे हिन्दुस्तान में हाहाकार मचा है। महंगाई से लड़ने की कूव्वत सिर्फ भाजपा में है। दिल्ली में दी गई यह दस्तक गांव-गांव तक पहुंचनी चाहिए।
इस रैली में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वेंकैया नायडू, राष्ट्रीय महामंत्री श्री अनंत कुमार, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रीगण सर्वश्री शिवराज सिंह चौहान (मध्यप्रदेश), प्रो. प्रेमकुमार धूमल (हिमाचल प्रदेश), श्री सुशील कुमार मोदी, (उपमुख्यमंत्री, बिहार) ने भी जनसभा को संबोधित किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ भी उपस्थित थे। सभा का संचालन राष्ट्रीय महासचिव श्री विजय गोयल ने किया।
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