Desh Bhakti ke Geet Vedio

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यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आजभी इसमें वह गुण,योग्यता व क्षमता विद्यमान है। किन्तु प्रकृति के संसाधनों व उत्कृष्ट मानवीयशक्ति से युक्त इस राष्ट्रको काल का ग्रहण लग चुका है। जिस दिन यह ग्रहणमुक्त हो जायेगा, पुनः विश्वगुरु होगा। राष्ट्रोत्थानका यह मन्त्र पूर्ण हो। आइये, युगकी इस चुनोतीको भारतमाँ की संतान के नाते स्वीकार कर हम सभी इसमें अपना योगदान दें। निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र- तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

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स्वपरिचय: जन्म से ही परिजनों से सीखा 'अथक संघर्ष' तीसरी पीडी भी उसी राह पर!

स्व आंकलन:

: : : सभी कानूनी विवादों के लिये क्षेत्राधिकार Delhi होगा। स्व आंकलन: हमारे पिटारे के अस्त्र -शस्त्र हमारे जो 5 समुदाय हैं, वे अपना परिचय स्वयं हैं (1) शर्मनिरपेक्षता का उपचार (2) देश का चौकीदार कहे- देश भक्तो, जागते रहो-संपादक युगदर्पण, (3) लेखक पत्रकार राष्ट्रीय मंच, (राष्ट्र व्यापी, राष्ट्र समर्पित)- संपादक युगदर्पण, (4) युग दर्पण मित्र मंडल, (5) Muslim Rashtriya Ekatmta Manch (MREM) आप किसी भी विषय पर लिखते, रूचि रखते हों, युग दर्पण का हर विषय पर विशेष ब्लाग है राष्ट्र दर्पण, समाज दर्पण, शिक्षा दर्पण, विश्व दर्पण, अंतरिक्ष दर्पण, युवा दर्पण,... महिला घर परिवार, पर्यावरण, पर्यटन धरोहर, ज्ञान विज्ञानं, धर्म संस्कृति, जीवन शैली, कार्य क्षेत्र, प्रतिभा प्रबंधन, साहित्य, अभिरुचि, स्वस्थ मनोरंजन, समाचार हो या परिचर्चा, समूह में सभी समाविष्ट हैं ! इतना ही नहीं आर्कुट व ट्विटर के अतिरिक्त, हमारे 4 चेनल भी हैं उनमें भी सभी विषय समाविष्ट हैं ! सभी विषयों पर सारगर्भित, सोम्य, सुघड़ व सुस्पष्ट जानकारी सुरुचिपूर्ण ढंगसे सुलभ करते हुए, समाज की चेतना, उर्जा, शक्तिओं व क्षमताओं का विकास करते हुए, राष्ट्र भक्ति व राष्ट्र शक्ति का निर्माण तभी होगा, जब भांड मीडिया का सार्थक विकल्प "युग दर्पण समूह" सशक्त होगा ! उपरोक्त को मानने वाला राष्ट्रभक्त ही इस मंच से जुड़ सकता है.: :

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शनिवार, 24 जुलाई 2021

गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं!

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुरेव परंब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।। गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं! 

जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा, वो भारत देश है मेरा। जहां सत्य अहिंसा और धर्म का पग पग लगता डेरा, वो भारत देश है मेरा। जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती।। 

तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार

-युगदर्पण®2001 गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं!  समूह YDMS👑 

कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक 

सोमवार, 20 जनवरी 2020

YDMS👑प्रस्तुति... DD-Live YDMS दूरदर्पण, CD-Live YDMS चुनावदर्पण देश को समर्पित, दो यू-टयूब राष्ट्रीय चैनल.

👑आज अपने जन्म दिवस के अवसर पर, देश को समर्पित हैं, दो यू-टयूब राष्ट्रीय चैनल 
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सोमवार, 5 दिसंबर 2016

मोदी ने ओबामा-ट्रंप को पछाड़ा, बने ''वर्ष के सर्वाधिक लोकप्रिय'': टाइम

मोदी ने ओबामा-ट्रंप को पछाड़ा, बने ''वर्ष के सर्वाधिक लोकप्रिय'': टाइम 
मोदी बने ‘टाइम पर्सन ऑफ दी ईयर’, ओबामा-ट्रंप को पछाड़ातिलक नदि। न्यूयॉर्क से प्राप्त समाचारों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘टाइम पर्सन ऑफ दी ईयर, 2016’ के लिए ''ऑनलाइन रीडर्स'' सर्वेक्षण जीत लिया है। इसमें उन्होंने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को पीछे छोड़ दिया। सर्वेक्षण रविवार रात पूरा हुआ और 18 % मतों के साथ मोदी इसमें विजेता के रूप में उभरे। मोदी को मिले मत उनके निकटस्थ प्रतिद्वंद्वी ओबामा, ट्रंप और विकीलीक्स के संस्थापक जुलियन असांजे को मिले सात % मतों से उल्लेखनीय रूप से अधिक हैं। 
टाइम के अनुसार मोदी इस वर्ष के प्रख्यातजनों जैसे फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग (दो %) और अमेरिकी राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन (चार %) से कहीं आगे रहे। वर्ष के प्रभावशाली के नाम पर अंतिम निर्णय टाइम के संपादक इस सप्ताह के अंत तक लेंगे जबकि सर्वे के परिणाम यह बताते हैं कि विश्व इन व्यक्तियों को किस प्रकार देखता है। ऑनलाइन सर्वे के अनुसार मोदी वर्ष 2016 के सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में उभर कर आए हैं। टाइम ने कहा कि पाठक सर्वे एक महत्वपूर्ण झरोखा है जो बताता है कि वर्ष 2016 में छाए रहने वाले व्यक्ति उनके अनुसार कौन हैं। मोदी ने यह सर्वे दूसरी बार जीता है। इससे पूर्व वर्ष 2014 में उन्हें पचास लाख मतों में से 16 % से अधिक मत प्राप्त हुए थे। 
लगातार चौथे वर्ष वह ‘पर्सन ऑफ दी ईयर’ की दौड़ में शामिल हुए हैं। यह सम्मान हर वर्ष उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसने ‘‘अच्छी या बुरे कारण से वर्ष भर हमारे विश्व को प्रभावित किया और समाचारों में छाया रहा।’’ गत वर्ष यह सम्मान जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल को मिला था। टाइम ने सेप्टेंबर प्यू पोल के सन्दर्भ से कहा कि इन महीनों में मोदी को पसंद करने वाले भारतीयों की उच्च दर देखने को मिली है। 
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
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संसद में विपक्ष के तीखे तेवर से गतिरोध जारी,

संसद में विपक्ष के तीखे तेवर से गतिरोध जारी, 
संसद में गतिरोध जारी, विपक्ष के तीखे तेवर बरकरारतिलक नदि। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में आज भी गतिरोध बना रहा जिसमें विपक्ष ने दोनों सदनों में इस निर्णय के कारण जनसामान्य विशेषकर अपना वेतन एवं पेंशन निकालने वाले व्यक्तियों को हो रही समस्या को उठाते हुए हंगामा किया तथा सरकार पर देश में ‘‘आर्थिक आपातकाल’’ लगाने का आरोप लगाया। जबकि सरकार ने इस निर्णय को राष्ट्रहित में उठाया गया पग बताते हुए विपक्ष पर इसे लेकर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। 
लोकसभा में विपक्ष इस मुद्दे पर मतदान वाले प्रावधान के तहत चर्चा को लेकर अड़ा रहा, जिससे सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में भी विपक्ष के हंगामे के कारण बैठक दो बार के स्थगन के बाद, दोपहर दो बजकर करीब 25 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य आज दोनों सदनों में आसन के समक्ष आकर सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे। लोकसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर मतविभाजन के प्रावधान के साथ चर्चा शुरू कराने की विपक्ष की मांग के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा, इस बात के लिए पूरे विपक्ष का आभार है कि नोटबंदी के निर्णय को लेकर सरकार की नीयत पर किसी ने भी संदेह प्रकट नहीं किया है।’’ उन्होंने कहा कि इस निर्णय के क्रियान्वयन को लेकर कुछ आपत्तियां हैं और विपक्ष के अनुसार इसका क्रियान्वयन सही नहीं है। उन्होंने कहा, हम जानना चाहते हैं कि क्रियान्वयन को लेकर कहां कहां कठिनाइयां रहीं। विपक्ष जिन कठिनाइयों से संसद को अवगत कराएगा। उनका निराकरण करने का हम प्रयास करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशहित में, राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए और कालेधन, आतंकवाद, माओवाद तथा उग्रवाद एवं जाली मुद्रा को रोकने के लिए यह निर्णय लिया है। 
राजनाथ ने कहा कि इसलिए मैं विपक्ष से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि नियम का निर्णय अध्यक्ष पर छोड़ा जाए और वह जिस भी नियम के तहत चर्चा शुरू कराएं, उस पर तत्काल चर्चा शुरू की जाए।’’ कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार के वक्तव्य से यह गलत संदेश नहीं जाना चाहिए कि हम चर्चा नहीं चाहते। हम मतविभाजन के नियम के तहत बहस शुरू करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के निर्णय के बाद कितना क्षति हुई और कितना लाभ हुआ, इस बारे में चर्चा के बाद मतविभाजन कराया जाना चाहिए। खड़गे ने मतविभाजन पर सरकार के तैयार नहीं होने पर निशाना साधते हुए कहा, इससे पहाड़ नहीं गिर जाएगा। वे मतविभाजन से क्यों भाग रहे हैं।’’ 
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि सत्तापक्ष इतने अधिक बहुमत में हैं कि तत्काल नियम 184 के तहत बहस शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आसन नियम 184 के तहत चर्चा शुरू कराने की कांग्रेस नेता खड़गे की मांग स्वीकार करता है तो वह अपना कार्यस्थगन का नोटिस वापस लेने को तैयार हैं। राजद के जयप्रकाश नारायण यादव और पी करूणाकरण ने भी यही मांग की। तेलंगाना राष्ट्र समिति के एपी जितेंद्र रेड्डी ने कहा कि सभी 17 विपक्षी दल सरकार के नोटबंदी के निर्णय के समर्थन में हैं किन्तु वे क्रियान्वयन की समस्याओं को उठा रहे हैं। 
समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव ने आरोप लगाया कि इस निर्णय से पहले किसी दल को विश्वास में नहीं लिया गया और देश के एक दो उद्योगपतियों की राय पर यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि हम सभी जनता का दुख दर्द कहना चाहते हैं। यह गंभीर विषय है। चर्चा के बाद मतविभाजन की कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी सदस्यों की मांग पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वोट का प्रश्न जब आएगा तब देखेंगे। अभी चर्चा शुरू करें। आसन की ओर से आज चर्चा कराने के कई प्रयास किए गए, किन्तु विपक्षी सदस्यों के अपने रूख पर अड़े रहने के कारण इसमें सफलता नहीं मिली। 
उधर राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने नोटबंदी के चलते लोगों को वेतन तथा पेंशन मिलने में हो रही कठिनाइयों को उठाते हुए हंगामा किया। जबकि सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा से बचने के लिए बहाने खोज रहा है। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब संसद के अंदर लगे एटीएम तक काम नहीं कर रहे हैं, तो देश के अन्य भागों की क्या स्थिति होगी। इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और सपा के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। बसपा, माकपा आदि दलों के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े थे। उधर भाजपा के कई सदस्य भी अपने स्थानों से आगे आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर उपसभापति पीजे कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि नारेबाजी इस समस्या का कोई हल नहीं है और वे चर्चा में भाग लें, क्योंकि चर्चा ही इसका समाधान है। उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद सरकार उनका उत्तर देगी। 
विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहने पर सूचना प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने नोटबंदी मुद्दे पर आगे चर्चा कराने को कहा। हंगामे के बीच ही सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने पूरे देश को विकलांग बना दिया है। 
कुरियन ने भोजनावकाश के बाद हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने और नि:शक्त व्यक्ति अधिकार विधेयक, 2014 पर विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह कोई विवादित विधेयक नहीं है और सदस्यों को इसे पारित कर देना चाहिए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने इस विधेयक को बिना चर्चा के पारित करने का प्रस्ताव रखा। किन्तु विपक्षी सदस्यों ने इस पर आपत्ति जतायी और कहा कि सदन में हंगामे में कोई विधेयक पारित कराने की परंपरा नहीं रही है। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि सदस्य उत्तेजित हैं क्योंकि गत सप्ताहांत से स्थिति और खराब हो गयी है। उन्होंने कहा कि हजारों लोगों के रोजगार चले गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना तैयारी के निर्णय किया और लोगों के मुद्दे उठाना उनका दायित्व है। विधेयक का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वह विधेयक के विरुद्ध नहीं हैं किन्तु इसे हंगामे में पारित नहीं कराया जाना चाहिए। 
भाजपा के भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस कार्यकाल में हुए विभिन्न घोटालों का उल्लेख किया और नोटबंदी मुद्दे पर सदन में अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाए जाने की मांग की। उन्होंने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी चर्चा शुरू कराने पर बल दिया। माकपा के तपन कुमार सेन ने भी कहा कि वेतन काम करने के बदले प्रतिफल है और वेतन एवं पेंशन कामगारों का अधिकार है। हंगामे के मध्य ही कांग्रेस के राजीव शुक्ला और प्रमोद तिवारी तथा तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने भी यह मुद्दा उठाया। संसद के शीतकालीन सत्र के आरम्भ से ही नोटबंदी के मुद्दे को लेकर कामकाज प्रभावित रहा है। राज्यसभा में सत्र के पहले दिन 16 नवंबर को इस विषय पर चर्चा शुरू हुई थी किन्तु बाद में चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण चर्चा आगे नहीं बढ़ सकी। 
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बुधवार, 19 अक्तूबर 2016

कार्टून, कम्पू जी- राम नाम से राजनीती

कम्पू जी -
मोदी राम के नाम से राजनीती कर रहे हैं -पूरा विपक्ष 
कम्पू जी - तुम सब तो राम द्रोह के संग राष्ट्र द्रोह भी कर रहे हो !!  इससे तो अच्छा ही है।।











यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी
इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है |
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मंगलवार, 11 अक्तूबर 2016

रास्वसं का स्‍थापना दिवस 91 वर्ष पूर्ण

रास्वसं का स्‍थापना दिवस 91 वर्ष पूर्ण 
संघ के स्‍थापना दिवस पर संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- गिलगित, बाल्टिस्‍तान समेत पूरा कश्‍मीर भारत का; और सेना व मोदी को सराहा 
दैनिक जागरण की मोहन भागवत के लिए मीडिया चित्रनागपुर से रास्वसं प्रमुख मोहन भागवत ने पाकिस्तान के अधिग्रहित कश्मीर में आतंकी केंद्रों को नष्ट करने वाले लक्षित प्रहारों के लिए मंगलवार को भारतीय सेना की प्रशंसा की और कहा कि इससे विश्व में देश की प्रतिष्ठा बढ़ी है तथा अशांति फैलाने वालों को संदेश गया है कि सहन करने की एक सीमा होती है। रास्वसं प्रमुख का वार्षिक दशहरा संबोधन कश्मीर में जारी अशांति, सीमा पर तनाव और गौ-संरक्षण जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहा। भागवत ने इसके साथ ही सामाजिक भेदभाव के उन्मूलन का भी संकल्प लिया। राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (रास्वसं) के स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार को नागपुर में मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। विजयदशमी रैली में भागवत ने मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष दशहरा कुछ विशेष है। जीवन में जो सीखा उस पर गर्व करें। आज रास्वसं का स्‍थापना दिवस पर संघ के 91 वर्ष पूरे हो गए।
भागवत ने स्‍वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में अभी का शासन काम करने वाला है, उदासीन नहीं। देश धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। कश्‍मीर पर संसद का संकल्‍प सबसे श्रेष्ठ है। अपने संबोधन में भागवत ने कश्मीर मुद्दे से लेकर देश के भीतर गोरक्षा पर चल रहे विवाद को भी शामिल किया। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार और भारतीय सेना की भी सराहना की। 
रास्वसं प्रमुख ने जम्मू कश्मीर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वहां की स्थिति चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं की यह प्रतिबद्धता अच्छी है कि पाकिस्तान अधिग्रहित कश्मीर सहित समूचा राज्य भारत का है। मुजफ्फराबाद, गिलगित, बाल्टिस्‍तान समेत पूरा कश्‍मीर भारत का है। पाकिस्तान अधिग्रहित कश्मीर हमारा है। कार्रवाई में भी इन शब्दों जैसी शक्ति होनी चाहिए। हम अपनी सेना की ओर से दिखाए गए शौर्य से प्रसन्न हैं। कश्‍मीर में हंगामा करने वालों का प्रभाव बहुत कम है। उपद्रवियों से कठोरता से निपटना होगा। हुड़दंगियों को सीमा पार से सहायता मिलती है। सीमा पार से उपद्रवियों को उकसाया जाता है। सेना ने पाकिस्‍तान को कड़ा संदेश दिया है। भागवत ने लक्षित प्रहार पर प्र मं मोदी की प्रशंसा की और कहा कि यशस्‍वी नेतृत्‍व ने एक सराहनीय कार्य किया और पाकिस्‍तान को विश्व में अलग-थलग किया है। सेना ने भी साहस का काम किया है। किन्तु हमारी सीमाओं की सुरक्षा भली भाँति होनी चाहिए। 
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी
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शनिवार, 8 अक्तूबर 2016

लेख-- अजय देवगन और पाकिस्तानी कलाकार टकराये

लेख-- अजय देवगन और पाकिस्तानी कलाकार टकराये 
वरिष्ठ लेखक पत्रकार, तिलक राज रेलन आज़ाद की कलम से 
पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम नहीं करूंगा: अजय देवगनपाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने पर प्रतिबंध के पक्ष में फिल्मी मुंबई से जुड़ा एक और अग्रणी व्यक्तित्व है। वर्तमान स्थिति में अभिनेता अजय देवगन ने पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करने से मना कर दिया है। इस माह के अंत में 47 वर्षीय देवगन की फिल्म ‘शिवाय’ और करण जौहर की ‘ऐ दिल है मुश्किल’ साथ-साथ प्रदर्शित होंगी। करण की फिल्म में पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान की विशेष भूमिका है। देवगन को पाकिस्तान में अपनी फिल्म प्रदर्शन के बारे में   चिंता नहीं है। वे मानते हैं ‘‘यह समय देश के साथ खड़े होने का है।’’ अजय इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट कहते हैं क्योंकि आप सबसे पहले भारतीय हैं। उनके कलाकार अपने देश के साथ खड़े हैं। वह यहां कमाते हैं किन्तु अपने देश का साथ देते हैं। हमें उनसे सीखना चाहिए।’’ अजय के साक्षात्कार के कुछ ही मिनट बाद उनकी पत्नी, अभिनेत्री काजोल ने ट्वीट कर अपने पति की प्रशंसा की। उन्होंने लिखा ‘‘गैर राजनीतिक और सही निर्णय लेने के लिए अपने पति पर मुझे अति गर्व है।’’ उरी प्रहार के दृष्टिगत भारत में कुछ वर्ग पाकिस्तान के कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। 
करण जौहर की आने वाली फिल्म ‘‘ऐ दिल है मुश्किल’’ में कार्यरत भारत में लोकप्रिय पाकिस्तानी कलाकारों में से एक फवाद हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने फवाद और अन्य पाकिस्तानी कलाकारों माहिरा खान, अली जाफर और आतिफ असलम आदि पर लक्ष्य साधते हुए उन्हें 48 घंटे के अंदर देश छोड़ देने का समय देते हुए कहा था कि न जाने पर उन्हें बाहर निकाल दिया जाएगा। पार्टी ने ‘‘ऐ दिल है मुश्किल’’ और माहिरा अभिनीत ‘‘रईस’’ का प्रदर्शन रोकने की धमकी भी दी थी। इसके बाद ‘‘इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन’’ (आईएमपीपीए) ने भारत पाक संबंधों के सामान्य होने तक सीमा पार के कलाकारों पर भारतीय फिल्मों में काम करने पर रोक लगाने संबंधी एक प्रस्ताव पारित किया। फवाद की टिप्पणी से एक दिन पूर्व ही शफकत अमानत अली ने उरी कांड की निंदा की थी। इस मुद्दे पर बॉलीवुड में भिन्न भिन्न राय है। सलमान खान, करण जौहर, हंसल मेहता और अनुराग कश्यप ने जहां पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने जाने के विचार की आलोचना की है वहीं रणदीप हूडा, सोनाली बेन्द्रे और नाना पाटेकर ने इस विचार का समर्थन किया है। 
ध्यान दें - 1) जब भी देश में हिन्दू मुस्लिम  मामला बनता है तब कहा जाता है हम सब भारतवासी हैं। किन्तु अब कहो वो पाकिस्तानी हैं तब भारत के मुस्लिम अपने भारतीय होने के नाते उस बहिष्कार में भारत का साथ देने से कतराते क्यों हैं। 
यहाँ 1965 का एक अनुकरणीय उदाहरण हैं पाकिस्तानी पैटन टैंक के सामने लेटने वाले सितम्बर १०, १९६५ के शहीद हवलदार (कै) अब्दुल हमीद का। मैं कई बार यह उदाहरण देता हूँ। अजेय माने जा रहे पैटन टैंक ने पाकिस्तान के अभिमान को दर्शाता याह्या खान का वाक्य, हमारी बहादुर फोजें रावलपिंडी से नाश्ता कर के चलेंगी (बिना रूकावट) दिल्ली में जा कर लंच दिल्ली में लेंगे। सितम्बर १०, १९६५ के दिन मदमस्त हाथी से बढ़ते पैटन टैंक के झुण्ड को देख कर वह वीर अब्दुल हमीद छाती से बम्ब (ग्रेनेड) बांधकर पैटन टैंक जिसकी अभेद्य मोटी पर्त को नहीं तो चेन तोड़ना ही सही, सोच उसके नीचे घुस गया। उस वीर ने यह नहीं सोचा मैं भी मुस्लमान वो भी मुस्लमान अपितु मैं भारत का सिपाही हूँ टैंक मेरे शत्रु देश का है। परमवीर चक्र से विभूषित कर उस शहीद को सम्मान से कैप्टन का मान दिया गया। 
कै अब्दुल हमीद शहीद हो गए  किन्तु टैंक आगे नहीं बढ़ सका। इसे देख अन्य अनुकरण कर कई वीर शहीद होकर टैंक के झुण्ड को वहीँ रोकने में सफल रहे। याह्या खान की तथाकथित बहादुर फोजें दिल्ली पहुँचने में असमर्थ रहीं। 
सं 1947 तथा विशेषकर 1965 के पश्चात् भारत के मुसलमानों तथा लेखक पत्रकारों का आदर्श स्वतंत्रता पूर्व के मौ अबुल कलाम आज़ाद, क्यों नहीं ? किन्तु देश में व्यवस्था ने वोट बैंक का संरक्षण किया, देश भक्तों का सम्मान नहीं। देश की चिंता  1947 से नहीं, वर्ग या जाति विशेष की बात की जाती रही। आज ज़ाकिर नाईक हमारे नायक क्यों बनते जारहे हैं, वीर अब्दुल हमीद क्यों नहीं ? हमारी सोच भारतीय के नाते नहीं रही। इस पर चिंतन मनन की आवश्यकता है। 
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है |
 आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
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