Desh Bhakti ke Geet Vedio

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यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आजभी इसमें वह गुण,योग्यता व क्षमता विद्यमान है। किन्तु प्रकृति के संसाधनों व उत्कृष्ट मानवीयशक्ति से युक्त इस राष्ट्रको काल का ग्रहण लग चुका है। जिस दिन यह ग्रहणमुक्त हो जायेगा, पुनः विश्वगुरु होगा। राष्ट्रोत्थानका यह मन्त्र पूर्ण हो। आइये, युगकी इस चुनोतीको भारतमाँ की संतान के नाते स्वीकार कर हम सभी इसमें अपना योगदान दें। निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र- तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 9999777358.

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स्वपरिचय: जन्म से ही परिजनों से सीखा 'अथक संघर्ष' तीसरी पीडी भी उसी राह पर!

स्व आंकलन:

: : : सभी कानूनी विवादों के लिये क्षेत्राधिकार Delhi होगा। स्व आंकलन: हमारे पिटारे के अस्त्र -शस्त्र हमारे जो 5 समुदाय हैं, वे अपना परिचय स्वयं हैं (1) शर्मनिरपेक्षता का उपचार (2) देश का चौकीदार कहे- देश भक्तो, जागते रहो-संपादक युगदर्पण, (3) लेखक पत्रकार राष्ट्रीय मंच, (राष्ट्र व्यापी, राष्ट्र समर्पित)- संपादक युगदर्पण, (4) युग दर्पण मित्र मंडल, (5) Muslim Rashtriya Ekatmta Manch (MREM) आप किसी भी विषय पर लिखते, रूचि रखते हों, युग दर्पण का हर विषय पर विशेष ब्लाग है राष्ट्र दर्पण, समाज दर्पण, शिक्षा दर्पण, विश्व दर्पण, अंतरिक्ष दर्पण, युवा दर्पण,... महिला घर परिवार, पर्यावरण, पर्यटन धरोहर, ज्ञान विज्ञानं, धर्म संस्कृति, जीवन शैली, कार्य क्षेत्र, प्रतिभा प्रबंधन, साहित्य, अभिरुचि, स्वस्थ मनोरंजन, समाचार हो या परिचर्चा, समूह में सभी समाविष्ट हैं ! इतना ही नहीं आर्कुट व ट्विटर के अतिरिक्त, हमारे 4 चेनल भी हैं उनमें भी सभी विषय समाविष्ट हैं ! सभी विषयों पर सारगर्भित, सोम्य, सुघड़ व सुस्पष्ट जानकारी सुरुचिपूर्ण ढंगसे सुलभ करते हुए, समाज की चेतना, उर्जा, शक्तिओं व क्षमताओं का विकास करते हुए, राष्ट्र भक्ति व राष्ट्र शक्ति का निर्माण तभी होगा, जब भांड मीडिया का सार्थक विकल्प "युग दर्पण समूह" सशक्त होगा ! उपरोक्त को मानने वाला राष्ट्रभक्त ही इस मंच से जुड़ सकता है.: :

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

बुधवार, 31 दिसंबर 2014

"अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं;

"अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं; 
নববর্ষ, નવા વર્ષની, New Year, ಹೊಸ ವರ್ಷದ, പുതുവർഷം, नवीन वर्ष, 
புத்தாண்டு, న్యూ ఇయర్, ਨਵਾਂ ਸਾਲ, نئے سال
(गुलामी के संकेत/हस्ताक्षर, जो मनाना चाहें)
उमंग उत्साह, चाहे जितना दिखाएँ; 
चैत्र के नव रात्रे, जब जब भी आयें
घर घर सजाएँ, उमंग के दीपक जलाएं; 
आनंद से, ब्रह्माण्ड तक को महकाएं; 
विश्व में, भारत का गौरव बढाएं " 
भारत भ्रष्टाचार व आतंकवाद से मुक्त हो, 
हम अपने आदर्श व संस्कृति को पुनर्प्रतिष्ठित कर सकें ! 
इन्ही शुभकामनाओं के साथ, 
जनवरी 2015, ही क्यों ? वर्ष के 365 दिन ही मंगलमय हों, 
भवदीय... तिलक 
संपादक युगदर्पण राष्ट्रीय साप्ताहिक हिंदी समाचार-पत्र. YDMS 07531949051.

Bangla... 

 অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং 

 "অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং; (দাসত্ব সংকেত / সাইন, যা তুষ্ট হতে পারে) উমংগ উত্সাহ, চাহে জিতনা দিখাএঁ; চৈত্র কে নব রাত্রে, জব জব ভী আযেং; ঘর ঘর সজাএঁ, উমংগ কে দীপক জলাএং; আনংদ সে, ব্রহ্মাণ্ড তক কো মহকাএং; বিশ্ব মেং, ভারত কা গৌরব বঢাএং "জানুয়ারি 1, 2015,হী কেন ? বর্ষ কে 365 দিন হী মংগলময হোং, ভারত ভ্রষ্টাচার ব আতংকবাদ সে মুক্ত হো, হম অপনে আদর্শ ব সংস্কৃতি কো পুনর্প্রতিষ্ঠিত কর সকেং ! ইন্হী শুভকামনাওং কে সাথ, ভবদীয.. তিলক সংপাদক যুগদর্পণ রাষ্ট্রীয সাপ্তাহিক হিংদী সমাচার-পত্র. YDMS 09911111611. 
Tamil... "அங்க்றேழி கா நவ்வர்ஷ், பாளே ஹாய் மணாஎன்"
 "அங்க்றேழி கா நவ்வர்ஷ், பாளே ஹாய் மணாஎன்; (மயக்க இது அடிமைத்தன சமிக்ஞை / அடையாளம்,) உமங்க் உட்சாஹ், சாஹெ சித்னா டிக்ஹாஎன்; செட்ர் கே நவ்ராற்றே, ஜப் ஜப் பீ ஆயேன்; கர் கர் சஜாயேன், உமாங் கே தீபக் ஜலாயேன்; ஆனந்த சே, பிராமாந்து தக் கோ மஹ்காயென்; விஷ்வ மீ, பாரத் கா கௌரவ் படாஎன். "ஜனவரி 1, 2015, ஏன்ஒரே ஒரு? வ வர்ஷ் கே 365 டின் ஹாய் மங்கலமாய் ஹோண், பாரத் பிராஷ்டாச்சர் வ ஆடன்க்வாத் சே முகத் ஹோ, ஹம அப்னே ஆதர்ஷ் வ சன்ச்க்ருடி கோ புன்ர்ப்ரடிஷ்திட் கற் சகேன் ! இன்ஹி சுபா காமனாஒன் கே சாத், பாவ்டிய.. திலக் சம்பாடக் யுக டர்பன் ராஷ்ட்ரிய சப்டாஹிக் ஹிந்தி சமாச்சார்-பற்ற. YDMS 09911111611.
 Eng.  "One may celebrate even English New Year, (Slavery signal / sign, you may coax) with exaltation and excitement; Chaitra Nav Ratre whenever it comes; decorate house, enlighten with lamps of exaltation; enjoy, even enrich the universe with Happiness; Increase the India's pride in the world, Why January 1, 2013, alone ? All the 365 days of the year are Auspicious, May India be free of corruption and terrorism, we can ReEstablish Ideals, values and culture ! with these good wishes, Sincerely .. Tilak editor YugDarpan Hindi national weekly newspaper. YDMS 09,911,111,611.
 Odiya ..not getting ? 
 "Angrejee kaa nav-varsh, bhale hi manaayen; (Gulaami ke sanket /  , jo  manana  chahen ? umang utsaah, chaahe jitnaa dikhaayen; chetr ke nav-raatre, jab jab bhi aayen; ghar ghar sajaayen, umang ke deepak jalaayen; Aanand se, brahmaand tak ko mahkaayen; Vishva me, Bhaarat kaa gaurav badaayen." matr 1 Jan 2015, hi kyon ? varsh ke 365 din hi mangalmay hon, Bhaarat bhrashtaachar v aatankvaad se mukt ho, ham apne aadarsh v sanskruti ko punrpratishthit kar saken ! inhi shubhakaamanaaon ke saath, bhavdiya.. Tilak Sampaadak Yug Darpan Raashtriya Saptaahik Hindi Samaachar-Patra. YDMS 09911111611.
 Telugu "అంగ్రేజీ కా నవ్వర్ష్, భలే హాయ్ మనాఎన్; 
"అంగ్రేజీ కా నవ్వర్ష్, భలే హాయ్ మనాఎన్; (పొగడ్తలు ఇది బానిసత్వం సిగ్నల్ / గుర్తు) ఉమంగ్ ఉత్సః, చాహే జితనా దిఖాఎన్; చేతర్ కె నవరాత్రు, జబ జబ భి ఆయెన్; ఘర్ ఘర్ సజాఎన్, ఉమంగ్ కె దీపక్ జలాఎన్; ఆనంద్ సే, బ్రహ్మాండ్ తక కో మహ్కాఎన్; విశ్వ మే, భారత్ కా గౌరవ్ బదాఎన్. " జనవరి 1, 2015, ఎందుకు మాత్రమే  వ వర్ష కె 365 దిన్ హాయ్ మంగల్మి హాన్, భారత్ భ్రష్టాచార్ వ ఆటన్క్వాద్ సే ముక్త  హో, హం అపనే ఆదర్శ్ వ సంస్కృతి కో పున్ర్ప్రతిశ్తిట్ కర్ సకేన్ ! ఇంహి శుభాకామనావున్ కె సాత్, భవదీయ.. తిలక్ సంపాదక్ యుగ దర్పన్ రాష్ట్రీయ సప్తాహిక్ హిందీ సమాచార్-పాత్ర. YDMS 09911111611.
 Gujrati અંગ્રેઝી કા નવવર્ષ, ભલે હી માંનાયેન; 
"અંગ્રેઝી કા નવવર્ષ, ભલે હી માંનાયેન; (સ્લેવરી સિગ્નલ / સાઇન છે, કે જે મનાવવું શકે છે) ઉમંગ ઉત્સાહ, ચાહે જીતના દીખાયેન; ચેત્ર કે નવરાત્રે, જબ જબ ભી આયેન; ઘર ઘર સજાયેન, ઉમંગ કે દિપક જલાયેન; આનંદ સે, બ્રહ્માંડ તક કો મહ્કાયેન; વિશ્વ મેં, ભારત કા ગૌરવ  બદાયેન. "માત્ર જાન્યુઆરી 1, 2015, શા માટે? વર્ષ કે 365 દિન હી મંગલમય હોં, ભારત ભ્રષ્ટાચાર વ આતંકવાદ સે મુક્ત હો, હમ અપને આદર્શ વ સંસ્કૃતિ કો પુન્ર્પ્રતીશ્થીત કર સકેં ! ઇન્હી શુભકામનાઓન કે સાથ, ભવદીય.. તિલક સંપાદક યુગ દર્પણ રાષ્ટ્રીય સાપ્તાહિક હિન્દી સમાચાર -પત્ર.YDMS 09911111611.
 kannad "ಆಂಗ್ರೆಶಿ ಕಾ ನವ -ವರ್ಷ, ಭಲೇ ಹಿ ಮನಾಯೇನ್; 
"ಆಂಗ್ರೆಶಿ ಕಾ ನವ -ವರ್ಷ, ಭಲೇ ಹಿ ಮನಾಯೇನ್; (ಏಕಾಕ್ಷ ಇದು ಗುಲಾಮಗಿರಿ ಸಂಕೇತ / ಸೈನ್) ಉಮಂಗ್ ಉತ್ಸಃ, ಚಾಹೆ ಜಿತನಾ ದಿಖಾಯೇನ್; ಚೆತ್ರ್ ಕೆ ನವ್ರಾತ್ರೆ, ಜಬ್ ಜಬ್ ಭಿ ಆಯೇನ್; ಘರ್ ಘರ್ ಸಜಾಯೇನ್, ಉಮಂಗ್ ಕೆ ದೀಪಕ್ ಜಲಾಯೇನ್; ಆನಂದ್ ಸೆ, ಬ್ರಹ್ಮಾಂದ್ ತಕ ಕೊ ಮಹ್ಕಾಯೇನ್; ವಿಶ್ವ ಮೇ, ಭಾರತ ಕಾ ಗೌರವ್ ಬದಾಯೇನ್. "ಜನವರಿ 1, 2015, ಏಕೆ ಮಾತ್ರ ವ ವರ್ಷ ಕೆ 365 ದೀನ್ ಹಿ ಮಂಗಲ್ಮಿ ಹೊಂ, ಭಾರತ ಭ್ರಷ್ತಾಚರ್ ವ ಆತಂಕ್ವಾದ್ ಸೆ ಮುಕ್ತ ಹೊ, ಹಮ್ ಅಪನೇ ಆದರ್ಶ್ ವ ಸಂಸ್ಕೃತಿ ಕೊ ಪುನ್ರ್ಪ್ರತಿಷ್ಟ್ಹತ್  ಕರ್  ಸಕೆನ್ ! ಇನ್ಹಿ ಶುಭಕಾಮನಾಒನ್ ಕೆ ಸಾಥ್, ಭಾವ್ದಿಯ.. ತಿಲಕ್ ಸಂಪಾಡಕ್ ಯುಗ ದರ್ಪಣ್ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸಪ್ತಾಹಿಕ್ ಹಿಂದಿ ಸಮಾಚಾರ್ -ಪತ್ರ . YDMS 09911111611.
 Gumu. "ਅੰਗ੍ਰੇਜੀ ਦਾ ਨਵਾਂ ਵਰਸ਼ ਭਲੇ ਹੀ ਮਨਾਓ
"ਅੰਗ੍ਰੇਜੀ ਦਾ ਨਵਾਂ ਵਰਸ਼ ਭਲੇ ਹੀ ਮਨਾਓ, ਗੁਲਾਮੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ /ਸੰਕੇਤ, ਉਮੰਗ ਉਤਸਾਹ ਚਾਹੇ ਜਿਤਨਾ ਦਿਖਾਓ; ਚੇਤਰ ਦੇ ਨਵਰਾਤਰੇ ਜਦ ਜਦ ਵੀ ਆਉਣ; ਘਰ ਘਰ ਸਜਾਓ, ਉਮੰਗ ਦੇ ਦੀਪਕ ਜਲਾਓ; ਆਨਾਨਾਦ ਨਾ ਬ੍ਰਹ੍ਮਾੰਡ ਨੂ ਮਹ੍ਕਾਓ, ਵਿਸ਼ਵ ਵਿਚ, ਭਾਰਤ ਦਾ ਗ਼ੋਰਾਵ ਵਧਾਓ. "1 ਜਨ. 2015 ਹ ਕਯੋਂ ? ਵ ਵਰ੍ਸ਼ ਦੇ 365 ਦਿਨ ਹੀ ਮੰਗਲ ਮਯ ਹੋਣ, ਭ੍ਰਸ਼੍ਟਾਚਾਰ ਤੇ ਆਤੰਕ ਵਾਦ ਤੋਂ ਭਾਰਤ ਮੁਕਤ ਹੋਵੇ, ਅਸਾਂ ਆਪਣੇ ਆਦਰ੍ਸ਼ ਤੇ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤਿ ਨੂੰ ਫੇਰ ਸ੍ਥਾਪਿਤ ਕਰ ਸਕਿਏ ! ਇਨਹਾਂ ਸ਼ੁਭ ਕਾਮਨਾਵਾਂ ਦੇ ਨਾਲ, ਆਪਦਾ.. ਤਿਲਕ -ਸੰਪਾਦਕ ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, ਰਾਸ਼੍ਟ੍ਰੀਯ ਸਾਪ੍ਤਾਹਿਕ ਸਮਾਚਾਰ ਪਤ੍ਰ. YDMS 09911111611.
 malm "അന്ഗ്രെജീ  കാ  നവ വര്‍ഷ, ഭലേ ഹി മനായേന്‍; 
"അന്ഗ്രെജീ  കാ  നവ വര്‍ഷ, ഭലേ ഹി മനായേന്‍; (ഗുലാമി ക പ്രറ്റീക്/സന്കെറ്റ്, ജോ മനന ചാഹെ) ഉമന്ഗ് ഉറ്റ്സാഹ്, ചാഹെ ജിതനാ ദിഖയെന്‍; ചേട്ര്‍ കെ നവ്രട്രെ, ജബ് ജബ് ഭീ ആയെന്‍; ഘര്‍ ഘര്‍ സജായെന്‍, ഉമന്ഗ് കെ ദീപക് ജലായെന്‍; ആനന്ദ് സെ, ബ്രഹ്മാന്ദ് ടാക് കോ മഹാകായെന്‍; വിശ്വ് മി, ഭാരത കാ ഗൌരവ് ബടായെന്‍. "ഐ ജന. 2015 ഹി ക്യോന്‍? വ വര്‍ഷ കെ 365 ദിന്‍ ഹി മങ്ങല്‍മി ഹോണ്‍, ഭാരത ഭ്രാഷ്ടാചാര്‍ വ ആടങ്ക്വാദ് സെ മുക്റ്റ് ഹോ, ഹാം അപ്നെ ആദര്‍ശ് വ സന്സ്ക്രുടി കോ പുന്ര്പ്രടിശ്തിറ്റ് കാര്‍ സകെന്‍ ! ഇന്ഹി ശുഭ കാമ്നാഒന്‌ കെ സാത്, ഭവദീയ.. തിളക് സംപാടാക് യുഗ്ദാര്പന്‍ രാഷ്ട്രീയ ഹിന്ദി സമാചാര്‍ പടര്‍. YDMS 09911111611. 

उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत ! 

नकारात्मक मीडिया के भ्रम के जाल को तोड़, सकारात्मक ज्ञान का प्रकाश फैलाये। 

समाज, विश्व कल्याणार्थ देश की जड़ों से जुड़ें, युगदर्पण मीडिया समूह के संग।। YDMS

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तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- 
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रविवार, 28 दिसंबर 2014

Pravasi Bharatiya Divas (PBD) (प्रभादि)

ऐ मातृ भूमि के वंशजो, तुम्हे भारती पुकारती। 
युदस नदि: प्रवासी भारतीय दिवस (प्रभादि) 'पीबीडी' अपने विशाल विदेशी प्रवासी परिजन समुदाय को भारत से जोड़ने के लिए और अपने ज्ञान, विशेषज्ञता और कौशल को एक साझा मंच पर लाने के लिए, प्रवासी भारतीय दिवस कन्वेंशन - प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय (एमओआईए) भारत सरकार का प्रमुख प्रसंग, 07-09 जनवरी 2003 के बाद से हर वर्ष आयोजित किया जाता है। 
भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिए, हर वर्ष 9 जनवरी को इस अवसर का जश्न मनाने के लिए चुना गया है। कि जनवरी 9, 1915 में इस दिन महात्मा गांधी, सबसे बड़ा प्रवासी, दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे, भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और सदा के लिए भारतीयों के जीवन को बदल दिया था। 
यह सम्मेलन सरकार और विदेशों में बसे भारतीय समुदाय के लिए एक मंच प्रदान करने, पारस्परिक रूप से लाभप्रद गतिविधियों के लिए, और अपने पूर्वजों की भूमि के लोगों को साथ संलग्न करने के लिए 2003 के बाद प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलनों के रूप में हर वर्ष आयोजित किए जा रहे हैं। इन सम्मेलनों में विश्व के विभिन्न भागों में रहने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय के बीच संजालन में भी बहुत उपयोगी होते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनुभवों को साझा करने के लिए उन्हें सक्षम बनाते हैं।
इस अवसर पर, असाधारण योग्यता के व्यक्तियों को भारत के विकास में उनकी भूमिका की सराहना करने के लिए प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित कर रहे हैं। यह अवसर विदेशों में बसे भारतीयों के विषय में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करता है।
प्रभादि के रूप में अब तक भारत के बारह विभिन्न स्थानों में निम्नानुसार आयोजित किया गया है:  2014 नई दिल्ली, 2013 कोच्चि, 2012 जयपुर, 2011 नई दिल्ली, 2010 नई दिल्ली, 2009 चेन्नई, 2008 नई दिल्ली, 2007 नई दिल्ली, 2006 हैदराबाद, 2005 मुंबई, 2004 नई दिल्ली, 2003 नई दिल्ली। 
इसी प्रकार अपनी जड़ों से जोड़ने का एक अभियान 15 वर्ष पूर्व चला एवम विविध विषयों पर 30 ब्लॉग 2010 में आरम्भ हुए, तथा एकल प्रयास द्वारा 70 देशों तक YDMS ने विशिष्ठ पहचान बनाई। -
युग दर्पण, अंतरिक्ष दर्पण, विश्व दर्पण, राष्ट्र दर्पण, समाज दर्पण, युवा दर्पण, शिक्षा दर्पण, जीवन शैली  दर्पण, धर्म संस्कृति दर्पण, ज्ञान विज्ञानं दर्पण, पर्यावरण दर्पण, पर्यटन धरोहर दर्पण, सत्य दर्पण, कार्य क्षेत्र दर्पण, महिला घर परिवार दर्पण, व 15 अन्य। हमारे ब्लॉग लिंक हेतु search YugDarpan - yugdarpan.blogspot.com -Home page menu - विविध ब्लॉग 
भारत के प्रति विश्व सकारात्मक तब होगा जब हम सकारात्मक होंगे, इंडिया के भौतिक रूप को नहीं भारत की आत्मा से सक्षात्कार करेंगे। तिलक YDMS 
Those who want to Join us at PBD (प्रभादि
To connect India to its vast overseas diaspora and bring their knowledge, expertise and skills on a common platform, the PBD Convention - the flagship event of Ministry of Overseas Indian Affairs (MOIA), Government of India is organized from 7th-9th January every year since 2003.
Pravasi Bharatiya Divas (PBD) is celebrated on 9th January every year to mark the contribution of Overseas Indian community in the development of India. January 9 was chosen as the day to celebrate this occasion since it was on this day in 1915 that Mahatma Gandhi, the greatest Pravasi, returned to India from South Africa, led India's freedom struggle and changed the lives of Indians forever.
PBD conventions are being held every year since 2003. These conventions provide a platform to the overseas Indian community to engage with the government and people of the land of their ancestors for mutually beneficial activities. These conventions are also very useful in networking among the overseas Indian community residing in various parts of the world and enable them to share their experiences in various fields.
During the event, individuals of exceptional merit are honoured with the prestigious Pravasi Bharatiya Samman Award to appreciate their role in India's growth. The event also provides a forum for discussing key issues concerning the Indian Diaspora.2003 
So far, twelve PBDs have been held in various places of India as follows: 
2014 New Delhi, 2013 Kochi, 2012 Jaipur, 2011 New Delhi, 2010 New Delhi, 2009 Chennai, 2008 New Delhi, 2007 New Delhi, 2006 Hyderabad, 2005 Mumbai, 2004 New Delhi, 2003 New Delhi 

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मंगलवार, 23 दिसंबर 2014

वाजपेयी और मम मालवीय को भारत रत्न

अटल बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न

युदस नदि: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और महामना मदन मोहन मालवीय को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का निर्णय गुरुवार को आज घोषणा वाजपेयी के 90वें जन्मदिन से एक दिन पूर्व की गई है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया, 'राष्ट्रपति अति हर्ष के साथ पंडित मदन मोहन मालवीय ( मरणोपरांत) और अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित करते हैं।' 
कल अर्थात 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है, जिसे मोदी सरकार 'सुशासन दिवस' के रूप में मना रही है। संयोग से मदन मोहन मालवीय का जन्मदिन भी 25 दिसंबर को ही पड़ता है। अब तक 43 लोगों को यह सम्मान दिया जा चुका है। ऐेसे में वाजपेयी और मालवीय, इस भारत रत्न सम्मान से विभूषित किये जाने वाले 44वें और 45वें व्यक्ति हैं। भाजपा लंबे समय से वाजपेयी जो भारत रत्न देने की मांग करती रही थी। ऐसे में यह लगभग तय माना जा रहा था कि सत्ता में आने के बाद वह वाजपेयी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान करेगी। अटल भारत रत्न से सम्मानित होने वाले भाजपा से जुड़े पहले नेता हैं। वाजपेयी के साथ-साथ बनारस हिंदू विवि के संस्थापक मदन मोहन मालवीय को भी मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई है। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार अपने चुनाव क्षेत्र वाराणसी जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि वाराणसी के लिए निकलने से पूर्व वह अटल बिहारी वाजपेयी से मिलकर, उन्हें जन्मदिन पर शुभकामनाएं देंगे। वाजपेयी को कई ठोस पहल करने का श्रेय दिया जाता है, वे ऐसे प्रथम प्रधानमंत्री बने, जिनका संबंध कभी कांग्रेस से नहीं रहा। भारत के सर्वाधिक चमत्कारी नेताओं में से एक वाजपेयी को एक महान नेता और भाजपा का उदारवादी चेहरा बताया जाता है। वाजपेयी के आलोचक उन्हें संघ का 'मुखौटा' मानते हैं।
दूरदृष्टा और महान शिक्षाविद् मालवीय की मुख्य उपलब्धियों में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना शामिल है। मालवीय को स्वतंत्रता संग्राम में उनकी सशक्त भूमिका और हिंदू राष्ट्रवाद के प्रति उनके समर्थन के लिए भी स्मरण किया जाता है। वह दक्षिणपंथी हिंदू महासभा के आरम्भिक नेताओं में से एक थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं राष्ट्रपति से इन दोनों महान विभूतियों को भारत रत्न से सम्मानित करने की अनुशंसा की थी। 
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प
-युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
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सोमवार, 22 दिसंबर 2014

कम्पूजी - पीएमके संस्थापक रामदास?

कम्पूजी - 
पीएमके संस्थापक एस रामदास ने, संघ परिवार के अन्य संगठनों द्वारा आयोजित ‘‘घर वापसी’’ (धर्मांतरण) कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए इस तरह की योजना को पहले से तैयार किया गया है। -एक समाचार 
कम्पूजी -धर्मांतरण के मुद्दे पर हिंदू विरोधी, आतंकी गतिविधियों, जिहादी संगठनों पर आपने कभी चिंता व्यक्त की वे हितकर थी या शर्मनिरपेक्ष तमाशबीन बने रहे? रामदास के पूर्वज कौन थे हिन्दू मुस्लिम या ईसाई? 
இந்து மதம், முஸ்லீம் அல்லது கிரிஸ்துவர் மூதாதையர்கள் இருந்த ராமதாஸ்,?
রামদাস, રામદાસ, ਰਾਮਦਾਸ, ರಾಮದಾಸ್, ராம்தாஸ், రాందాస్, രാംദാസ്, रामदास:, رام داس, 

उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत ! 

नकारात्मक मीडिया के भ्रम के जाल को तोड़, सकारात्मक ज्ञान का प्रकाश फैलाये। 

समाज, विश्व कल्याणार्थ देश की जड़ों से जुड़ें, युगदर्पण मीडिया समूह के संग।। YDMS

      जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, 
तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. 
हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, 2001 से
पंजी सं RNI DelHin11786/2001(सोशल मीडिया में
     विविध विषयों के 30 ब्लाग, 5 नेट चेनल  अन्य सूत्र) की

        60 से अधिक देशों में एक वैश्विक पहचान। -YDMS  07531949051

স্বদেশ প্রত্যাবর্তন, ફર્યાનો, ಮರಳುತ್ತಿರುವ, தாயகம் திரும்பும், హోమ్కమింగ్, ഘര് വപ്സി, ਪਲੀਤੀ, گھر واپسی
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक

रविवार, 21 दिसंबर 2014

समाज शिक्षा युवा, चेतना का दर्पण,

समाज शिक्षा युवा, चेतना दर्पण,
आज समान शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश परीक्षाओं में ‘नकल की संस्कृति’ के लिये सरकारें ही नहीं, बल्कि समाज भी दोषी है। सरकारों ने जिस तरह से दायित्व निभाना चाहिये था, वह निर्वहन नहीं किया। यदि किया होता तो सबको समान और सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल जाती। यदि हम आधारिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा को मौलिक शिक्षा का सम्बल दें, तो परिणाम में बहुत  
सुधार होंगे। विगत में मौलिक शिक्षा को भारतीय शिक्षा के नाते सांप्रदायिक मान उपेक्षित करने से शिक्षा का स्तर और उद्देश्य दोनों में नकारात्मकता बड़ी, अब नए चिंतन एवं शिक्षा का परिदृश्य बदल जाएगा।’’ 
सभी नौकरियों के लिये कराई जाने वाली परीक्षा में उत्तीर्ण होना तथा नौकरियाँ पाना ही एकमात्र लक्ष्य रह गया है। शिक्षा और समय पर रोजगार में असफलता युवाओं को अवसाद या अपराध की और धकेलती है। आज देश में शिक्षा, जिन बच्चों की प्रेरणा और आवश्यकता नहीं बन पाती, समाज के शत्रुओं ने उन्हें व्यसनों से जोड़ दिया, जो दोहरा आघात है। 
हम युवाओं की उर्जा को सही समय पर हम उपयोग नहीं कर पाते हैं। दूसरा वे घर समाज के लिए बोझ बन जाते है। शरीर रोगवान हो कर, चिकित्सा व्यय, समय, ऊर्जा, क्षमता, धन, सर्व विनाश का विकराल रूप, यह हमारी विगत की सरकारों ने, रोकने में नहीं, बढ़ाने वालों का साथ दिया। अभी मात्र सत्ता बदली है, "देश की व्यवस्था और इसे नियंत्रित करने वाला, संविधान और समाज की सोच" बदलना आवश्यक है, तभी वांच्छित परिणाम की अपेक्षा कर सकते हैं। 
उपरोक्त चिंतन, हमारे ब्लॉग समाजदर्पण, शिक्षा  दर्पण, युवा दर्पण, चेतना दर्पण, में 2010 से दिया जा रहा है। YDMS के विविध 30 ब्लॉग का विस्तार 70 देशों तक है। समाजशिक्षायुवाव्यसनों से चेतना, के प्रति जागृति का निरंतर अलख YDMS 

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सोमवार, 15 दिसंबर 2014

विजय दिवस 16 दिसंबर 1971 स्मरणोत्सव

विजय दिवस 16 दिसंबर 1971 स्मरणोत्सव
देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों पर हमें गर्व है तथा इन्हे शत शत नमन। तिलक
युदस: भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 के समय में, बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी के गठबंधन के रूप में, पाकिस्तान पर अपनी ऐतिहासिक सैन्य विजय के स्मरणोत्सव के रूप में, विजय दिवस (स्मरणोत्सव) हर 16 दिसंबर मनाया जाता है। जो 1971 के युद्ध के अंत में पाकिस्तानी सेना का एकल और बिना शर्त भारत के समक्ष आत्मसमर्पण और पूर्वी पाकिस्तान का अलग बांग्लादेश के रूप में जन्म हुआ। 1971 में इस दिन, पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने,
93,000 सैनिकों के साथ, युद्ध में उनकी हार के बाद भारत के जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के नेतृत्व में भारतीय
सेना और साथ मुक्ति वाहिनी के संबद्ध बलों के समक्ष, रमना रेस कोर्स अब सुहरावर्दी उद्यान, ढाका में आत्मसमर्पण किया । विजय दिवस की वर्ष गांठ देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को पूरे भारत में,  श्रद्धांजलि देकर मनाया जाता है। देश की राजधानी नई दिल्ली में,  भारतीय रक्षा मंत्री और भारतीय सशस्त्र बलों के सभी तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ इंडिया गेट नई दिल्ली पर अमर जवान ज्योति और साथ-साथ बंगलौर में राष्ट्रीय सैन्य स्मारक पर, श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
16 दिसंबर हर वर्ष, नागरिकों, वरिष्ठ अधिकारियों, छात्रों और युद्ध के दिग्गजों द्वारा माल्यार्पण कर और सैनिकों के बलिदान को स्मरण किया जाता है।  जिन्होंने किया सर्वस्व समर्पण, स्मरण रखेगा उन्हें युगदर्पण -
Vijay Diwas (Victory Day) is also commemorated every 16 December in India as it marks its military victory over Pakistan in 1971 during the Indo-Pakistani War of 1971, who were alliance of Bangladesh Mukti Bahini . The end of the war also resulted in the unilateral and unconditional surrender of the Pakistan Army and subsequent secession of East Pakistan into Bangladesh. On this day in 1971, the chief of the Pakistani forces, General Amir Abdullah Khan Niazi, along with 93,000 troops, surrendered to the allied forces consists of Indian Army and Mukti Bahini, led by General Jagjit Singh Aurora, of India in the Ramna Race Course, now Suhrawardy Udyan, in Dhaka after their defeat in the war. The anniversary of Vijay Divas is observed across India by paying tributes to the martyrs who laid down their lives for the nation. In the nation's capital New Delhi, the Indian Minister of Defence and heads of all three wings of the Indian armed forces pay homage at Amar Jawan Jyoti at India Gate in New Delhi as well as in the National Military Memorial, Bangalore.
On December 16 every year, Citizens, senior officials, students & war veterans lay wreaths and remember the sacrifices of the soldiers.
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक