2 -3, मार्च 2013 अध्यक्षीय भाषण- राष्ट्रीय परिषद की बैठक,
2 -3, मार्च 2013 अध्यक्षीय भाषण- राष्ट्रीय परिषद की बैठक, तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली, में राज नाथ सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व पुन: ग्रहण करने के पश्चात् प्रथम बैठक में देश के विभिन्न कोनों से आए कार्यकर्ताओं के साथ, इस देश के लोगों की बड़ी अपेक्षाओं के दायित्व की भावना और अधिक चुनौतियों को बांटा।
अध्यक्षीय भाषण में राज नाथ सिंह ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक के इस समय दो ऐतिहासिक अवसरों का संयोग व साक्षी मान कहा है, दोस्तों, एक, तीर्थराज प्रयाग का महाकुंभ पर्व और दूसरे पूरा देश स्वामी विवेकानन्द की 150वीं वर्षगाँठ मना रहा है। महाकुंभ विश्व में मानव जाति के ज्ञात इतिहास की सबसे बड़ी घटना व इसकी महानता और निरंतरता भारतीय राष्ट्र के जीवन के शाश्वत शक्ति का प्रतीक है। स्वामी विवेकानंद ने 1892 में एक युवा सन्यासी के रूप में अमेरिका में केवल 29 वर्ष की आयु में भारतीय धर्म और दर्शन का जो उदघोष किया और उसने पूरे भारत की चेतना को एक नई ऊर्जा दी थी। इसके माध्यम भारत इतिहास की नई करवट लेने लगा और जिसके बारे में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'भारत की डिस्कवरी' (337 पेज) में लिखा है, "विवेकानंद उदास और हतोत्साहित भारतीय मन के लिए एक टॉनिक के रूप में आया था और इसने आत्मनिर्भरता के साथ अतीत की कुछ जड़ों में देखना शुरू कर दिया है"।
आज के वैश्वीकरण के युग में युवा, भारत के लिए नई ऊंचाइयों को प्राप्त करना चाहते हैं। मुझे विश्वास है कि 19 वीं सदी में एक युवा सन्यासी के रूप में स्वामी विवेकानंद ने भारत को जो वैश्विक मान्यता दिलाई है, तो उस आधार पर यह कहा जा सकता है कि स्वामी विवेकानंद आधुनिक भारत के प्रथम युवा है, जिसने वैश्वीकरण समझ कर और इसके अनुसार अपने विचारों को रखा गया था। तो राज नाथ सिंह ने इस अवसर पर हमें युवा शक्ति की उर्जा के साथ आध्यात्मिक और राष्ट्रीय गौरव का स्पंदन, जो भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक दर्शन और वैचारिक अधिष्ठान का आधार स्वामी विवेकानंद है, का आभास कराया। इसके साथ महा कुम्भ की मौनी अमावस्या के दिन प्रयाग में कई तीर्थयात्रियों के जीवन खोने और केवल कुछ दिनों पहले हैदराबाद में बम विस्फोट में मारे गए कई निर्दोष लोगों, की कुछ दुखद घटनाओं को संवेदना से व्यक्त किया।
गुजरात विधानसभा में नरेन्द्र भाई मोदी के नेतृत्व में तीसरी क्रमिक जीत के लिए, भाजपा और अन्य पार्टी के शासन के बीच एक उदाहरणीय अंतर दर्शाते मोदी को भी बधाई देकर, देश की वर्तमान बहुत गंभीर घृणित स्थिति, आर्थिक कुप्रबंधन, महंगाई, भ्रष्टाचार, असमर्थ प्रशासन, दिशाहीन नीतियों, कूटनीति में विफल और सुस्त आंतरिक और बाह्य सुरक्षा आदि सहित किसी भी क्षेत्र में चुनौतियों के समाधान के लिए भी बोले। देश के जनसामान्य के दैनिक जीवन के साथ, देश के अन्दर व सीमा की चुनौतियो तथा इनसे कांग्रेस नेतृत्व की संप्रग सरकार से क्षुब्ध , निराश व हतोत्साहित देश परिवर्तन व विकल्प चाहता है। ऐसे में विकल्प भाजपा नेतृत्व में राजग है।
ऐसे में, जब सबसे सम्मानित अटल जी सक्रिय नहीं, सम्मानित आडवाणी जी के मार्गदर्शन के तहत कार्यकर्ताओं के कठोर परिश्रम और हमारे लोकप्रिय और सक्षम नेताओं की रणनीति के साथ, हमारी जीत सुनिश्चित है इसमें कोई संदेह नहीं है।
सुरक्षा पर संकट
इस देश में हैदराबाद में बम विस्फोट आतंकवाद की पहली घटना नहीं है। आज यहाँ हर एक बड़ा शहर आतंकवादियों के लक्ष्य पर है। जब 2008 में मुंबई हमले के मद्देनजर आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की अपनी ही नीति, प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह मिस्र में शर्म - अल - शेख शहर में यह कह कर त्याग देते हैं कि पाकिस्तान भी भारत की तरह आतंकवाद का शिकार है। यूपीए सरकार ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई को गंभीर झटका दिया था, व पाकिस्तान के सामने अपने घुटनों को टेक दिया था। आतंकवाद के विरुद्ध पाकिस्तान से अपेक्षित सहयोग न मिलने पर भी दोस्ती के लिए पीछे -2 भागने की नीति से एक 'नरम राज्य' के रूप में भारत की छवि बनाई गई। जब तक सरकार आतंकवाद के विरुद्ध साहस की भावना के साथ एक कड़ा रुख नहीं लेती, इस देश में आतंकवादी कई शहरों, गाड़ियों, बसों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों लक्ष्य करता है। लंबे समय के लिए घटनाओं को रोका नहीं जा सकता ।
आतंकवाद मानवता के विरुद्ध सबसे अमानवीय अपराध है। आतंकवाद को धर्म, विचारधारा के स्तर पर या किसी भी प्रणाली के विरुद्ध के रूप में औचित्य/ समर्थन न ही स्वीकार कर सकते हैं और न ही किया जाना चाहिए ।
युग दर्पण यह मानता है कि इस्लामिक आतंकवाद के नाम पर आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, कहने वाले द्वारा हिन्दू आतंकवाद कह कर वोट बैंक की राजनीति में लिप्त रहना कांग्रेस पार्टी की नीति रही है। चाहे वह बाटला हाउस मुठभेड़ के मुद्दे पर या निराधार 26/11 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साजिश का आरोप लगाने वाली पुस्तक का विमोचन किया जाना था, या केंद्र सरकार के गृह मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे ने जो भी कहा, राष्ट्रीय हितों पर घात, जानकर किया गया राष्ट्रघात है।
पराकाष्ठा जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, आतंकवाद के कृत्यों में आरोपी व्यक्तियों के घरों पर आँसू बहाने आजमगढ़ पहुंच जाते हैं, किन्तु भारतीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा शहीद हो गए और जिन सैनिकों के सिर कटे थे, उनके गांव का दौरा करने के लिए इनके पास समय नहीं है। समझौता एक्सप्रेस विस्फोट में यूपीए सरकार ने लश्कर के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दी थी, जिसके आधार पर अमेरिका ने लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिया था, पर उसी के नेता कांग्रेस के रूप में अचानक राजनीतिक कारणों से 'भगवा आतंकवाद' की बात, आरएसएस - के बारे में मनगढ़ंत कहानी द्वारा भ्रमित करना चाहते हैं, तथा आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई हराना चाहते है।
जब गृह मंत्री राजनीतिक कारणों से आतंक के अपने शिविरों में प्रशिक्षण देने के बारे में आरोप गढ़ते हैं, तब भारत को आतंकवादी देश घोषित किया जाने के अपने प्रयासों में, लश्कर हाफिज सईद ने पाकिस्तान में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी न तो वैचारिक और न ही मानसिक रूप से आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक युद्ध के लिए तैयार है। केवल भाजपा आतंकवाद के किसी भी धार्मिक रंग देने के पूरी तरह से विरुद्ध है। आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक युद्ध लड़ने में सक्षम है।
(जनता से सीधे जुड़े अन्य मुद्दों पर सीधे वीडियो देखें,: राज नाथ सिंह अध्यक्षीय भाषण 2 मार्च 2013- https://www.youtube.com/watch?v=LYgKW66f7_8&list=PL07E4C2D4718D3CC6&index=48)
सभी वीडियो राष्ट्रीय परिषद- https://www.youtube.com/playlist?list=PL07E4C2D4718D3CC6
आंतरिक सुरक्षा संकट पूर्वोत्तर क्षेत्र में अवैध घुसपैठ व नक्सलवाद :
अवैध रूप से बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों के समूहों से, न केवल पूर्वोत्तर राज्यों के जनसांख्यिकीय रूपरेखा बदल रही है, अपितु इस क्षेत्र में रहने वाले भारतीय नागरिकों के साथ भी (हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल हैं) आर्थिक और प्राकृतिक संसाधनों के लिए हिंसा पर उतारू है। जबकि आईएमडीटी अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह भारत पर बाह्य आक्रमण के समकक्ष है। तो इन घुसपैठियों की पहचान तथा एक समयबद्ध कार्यक्रम में लौट जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। एक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पूर्वोत्तर में बनाया जाना चाहिए। सीमा प्रबंधन के लिए एक उचित नीति होनी चाहिए। यूपीए सरकार ने अपने राज्य असम में हिंसा के बाद भी सबक नहीं सीखा है। पश्चिम बंगाल में 24 परगना जिले में हिंसक घटनाए रहे हैं। अब बांग्लादेशी असम से त्रिपुरा, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में फैल रहे हैं । यह सब भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए उत्पन्न चुनौतियों में एक अंतर्दृष्टि देता है। यदि यूपीए सरकार इस संज्ञान में और अवैध घुसपैठ में नकेल नहीं लगाती है तो पूर्वोत्तर आग की लपटों में स्वाहा हो जाएगा।
देश का आधा भूभाग नक्सली चपेट में है, एक एकीकृत नीति की और इस के साथ साथ वहाँ नक्सल समस्या को बौद्धिक समर्थन देने वाले चरम वामपंथी बुद्धिजीवियों को बौद्धिक स्तर पर नियंत्रित की आवश्यकता है।
आर्थिक प्रस्ताव पूरा पदें,/
वीडियो https://www.youtube.com/playlist?list=PL8Z1OKiWzyBH5cYSl-5k2QwQ-UT5oyRRH
राजनैतिक प्रस्ताव पूरा पदें,/
वीडियो https://www.youtube.com/watch?v=CiK-iG_mFL4&list=PL07E4C2D4718D3CC6&index=52
भाजपा सुशासन व अन्य वर्ग:
कार्यकर्त्ता और संगठन
भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्त्ता आधारित संगठन है। आज भी देश के लोगों को हम सभी कार्यकर्त्ताओं से एक अद्वितीय और प्रतिष्ठित आचरण आपेक्षित है। हम सभी उत्साही कार्यकर्त्ता पार्टी और देश के लिए कुछ करना चाहते हैं। परन्तु राजनीति में, गरिमा और आत्म संयम का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। राजनीति में एक सूक्ष्म बात छिपी है कि एक व्यक्ति राजनीति में उच्च स्थान केवल इसलिए नहीं पा लेता है, कि उसने क्या क्या किया, बल्कि इसलिए अधिक बनता है, कि राजनीति में रहते हुए क्या किया जा सकता था, परन्तु नहीं किया या दूसरे शब्दों में अवसर और लालच होने के बाद भी क्या वह संयम रखता है । इस देश की जनता भाजपा कार्यकर्त्ता के, क्या नहीं किया जाना चाहिए के पक्ष पर, अधिक संवेदनशील रहती हैं।
अंत में संगठनात्मक मूल मंत्र के बारे में राज नाथ सिंह ने कहा :-
यदि हम इसे सारांश में कहें, तो कार्यकर्त्ता के लिए संगठनात्मक मूल मंत्र होना चाहिए:-
व्यक्तिगत स्तर पर 'आत्म संयम'
संगठनात्मक स्तर पर 'समन्वय'
सामाजिक स्तर पर 'सेवा और संघर्ष
राष्ट्र के स्तर पर 'समर्पण'.
तो, संयम, समन्वय, संघर्ष, और समर्पण हमारे संगठनात्मक मूल मंत्र होना चाहिए.
राज नाथ सिंह ने कहा, भारत माता के चरणों में समर्पित देश के अत्यंत दुर्लभ और समर्पित कार्यकर्त्ता समूह से युक्त पार्टी संगठन, को रामचरितमानस से एक उदाहरण दिया कैसे हनुमान जी लंका जा कर सीता माता को दुखी व मुक्त होने के प्रति शंकित जानकर आश्वस्त करते हैं कि अकेले सक्षम होने पर भी, अपने समाज व प्रभु की महिमा के लिए इस कार्य को सबके साथ मिल कर करना चाहते हैं।
हनुमान जी की तरह हमारे सभी कार्य एकजुटता की भावना के साथ पूरे संगठन और हमारे भक्ति का केंद्र इस देश की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने के उद्देश्य से किया जाना चाहिए।
आने वाले चुनावों
दोस्तों, वर्ष 2013 हमारे लिए महत्वपूर्ण है। कुछ ही महीनों में कर्नाटक में चुनाव हैं। इस वर्ष के नवंबर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली में चुनाव हैं। संभवत: झारखंड में चुनाव भी इस वर्ष हो सकता है। यह सभी राज्य हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। लोकसभा के लिए चुनाव किसी भी समय हो सकता है। हो सकता है कि लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय परिषद की यह अन्तिम बैठक है। यह स्पष्ट है कि बैठक के बाद हम सभी कार्यकर्त्ता अपने - अपने क्षेत्र में लोकसभा के लिए तैयारी में, सभी चुनावों में जीत के संकल्प के साथ, और अंत में लोकसभा चुनावों में दिल्ली विजय का संकल्प लिए, हम घर के लिए प्रस्थान करेंगे ।
भारत माता की जय!
जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
2 -3, मार्च 2013 अध्यक्षीय भाषण- राष्ट्रीय परिषद की बैठक, तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली, में राज नाथ सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व पुन: ग्रहण करने के पश्चात् प्रथम बैठक में देश के विभिन्न कोनों से आए कार्यकर्ताओं के साथ, इस देश के लोगों की बड़ी अपेक्षाओं के दायित्व की भावना और अधिक चुनौतियों को बांटा।
शनिवार को नई दिल्ली में शुरू हुई भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के उल्लेख के विशेष बिन्दू :
* तालियों की गड़गड़ाहट में परिषद के 2200 के आसपास सदस्यों ने मोदी का विशेष स्वागत किया।
* उनके अच्छे शासन की प्रशंसा अम्रीका व् यूरोप सभी ने की विकास मॉडल की अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सराहना की गई है।
* भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी का निर्णय संसदीय बोर्ड द्वारा उचित समय पर लिया जाना चाहिए।
* "मुद्रास्फीति की दर और भ्रष्टाचार यूपीए सरकार की पहचान बन गए हैं।
* सुशासन के मुद्दे पर उत्साहित भाजपा ने कांग्रेस नीत संप्रग को ललकारा, विदेश नीति, और आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद, अर्थव्यवस्था में विफल और भ्रष्टाचार में लिप्त संप्रग सरकार को हराने का आवाहन किया।
* सरकार में इच्छा शक्ति नहीं और इन मुद्दों से निपटने के लिए दृढ़ संकल्प का अभाव है।
* मोदी और उसके मध्य प्रदेश समकक्ष शिवराज सिंह चौहान ने संसदीय बोर्ड में शामिल किया जा सकता है।
* भाजपा ने सत्ता में आने पर एक अलग राज्य के रूप में उचित समय में तेलंगाना गठन के लिए वादा किया।
* विश्वास है कि इस वर्ष दो राज्यों में जब विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके छत्तीसगढ़ समकक्ष रमन सिंह का नाम भी लगातार तीन चुनावों में जीत का हो जाएगा।
* बहु - ब्रांड खुदरा क्षेत्र में नीति के रूप में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति छोटे व्यापारी को आघात है, "यह आर्थिक उथल - पुथल लाएगा, जिसे रोकना व हटाना चाहिए।
* राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, दिल्ली और झारखंड, के आगामी विधानसभा चुनावों तथा 2014 के सामान्य चुनावों में अच्छी तरह से एकजुट होकर लड़ाई के लिए तैयार, विजय की मुद्रा में दिखी भाजपा।
** आर्थिक संकल्प ** राजनेतिक संकल्प
** आर्थिक संकल्प ** राजनेतिक संकल्प
आज के वैश्वीकरण के युग में युवा, भारत के लिए नई ऊंचाइयों को प्राप्त करना चाहते हैं। मुझे विश्वास है कि 19 वीं सदी में एक युवा सन्यासी के रूप में स्वामी विवेकानंद ने भारत को जो वैश्विक मान्यता दिलाई है, तो उस आधार पर यह कहा जा सकता है कि स्वामी विवेकानंद आधुनिक भारत के प्रथम युवा है, जिसने वैश्वीकरण समझ कर और इसके अनुसार अपने विचारों को रखा गया था। तो राज नाथ सिंह ने इस अवसर पर हमें युवा शक्ति की उर्जा के साथ आध्यात्मिक और राष्ट्रीय गौरव का स्पंदन, जो भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक दर्शन और वैचारिक अधिष्ठान का आधार स्वामी विवेकानंद है, का आभास कराया। इसके साथ महा कुम्भ की मौनी अमावस्या के दिन प्रयाग में कई तीर्थयात्रियों के जीवन खोने और केवल कुछ दिनों पहले हैदराबाद में बम विस्फोट में मारे गए कई निर्दोष लोगों, की कुछ दुखद घटनाओं को संवेदना से व्यक्त किया।
गुजरात विधानसभा में नरेन्द्र भाई मोदी के नेतृत्व में तीसरी क्रमिक जीत के लिए, भाजपा और अन्य पार्टी के शासन के बीच एक उदाहरणीय अंतर दर्शाते मोदी को भी बधाई देकर, देश की वर्तमान बहुत गंभीर घृणित स्थिति, आर्थिक कुप्रबंधन, महंगाई, भ्रष्टाचार, असमर्थ प्रशासन, दिशाहीन नीतियों, कूटनीति में विफल और सुस्त आंतरिक और बाह्य सुरक्षा आदि सहित किसी भी क्षेत्र में चुनौतियों के समाधान के लिए भी बोले। देश के जनसामान्य के दैनिक जीवन के साथ, देश के अन्दर व सीमा की चुनौतियो तथा इनसे कांग्रेस नेतृत्व की संप्रग सरकार से क्षुब्ध , निराश व हतोत्साहित देश परिवर्तन व विकल्प चाहता है। ऐसे में विकल्प भाजपा नेतृत्व में राजग है।
ऐसे में, जब सबसे सम्मानित अटल जी सक्रिय नहीं, सम्मानित आडवाणी जी के मार्गदर्शन के तहत कार्यकर्ताओं के कठोर परिश्रम और हमारे लोकप्रिय और सक्षम नेताओं की रणनीति के साथ, हमारी जीत सुनिश्चित है इसमें कोई संदेह नहीं है।
सुरक्षा पर संकट
इस देश में हैदराबाद में बम विस्फोट आतंकवाद की पहली घटना नहीं है। आज यहाँ हर एक बड़ा शहर आतंकवादियों के लक्ष्य पर है। जब 2008 में मुंबई हमले के मद्देनजर आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की अपनी ही नीति, प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह मिस्र में शर्म - अल - शेख शहर में यह कह कर त्याग देते हैं कि पाकिस्तान भी भारत की तरह आतंकवाद का शिकार है। यूपीए सरकार ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई को गंभीर झटका दिया था, व पाकिस्तान के सामने अपने घुटनों को टेक दिया था। आतंकवाद के विरुद्ध पाकिस्तान से अपेक्षित सहयोग न मिलने पर भी दोस्ती के लिए पीछे -2 भागने की नीति से एक 'नरम राज्य' के रूप में भारत की छवि बनाई गई। जब तक सरकार आतंकवाद के विरुद्ध साहस की भावना के साथ एक कड़ा रुख नहीं लेती, इस देश में आतंकवादी कई शहरों, गाड़ियों, बसों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों लक्ष्य करता है। लंबे समय के लिए घटनाओं को रोका नहीं जा सकता ।
आतंकवाद मानवता के विरुद्ध सबसे अमानवीय अपराध है। आतंकवाद को धर्म, विचारधारा के स्तर पर या किसी भी प्रणाली के विरुद्ध के रूप में औचित्य/ समर्थन न ही स्वीकार कर सकते हैं और न ही किया जाना चाहिए ।
युग दर्पण यह मानता है कि इस्लामिक आतंकवाद के नाम पर आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, कहने वाले द्वारा हिन्दू आतंकवाद कह कर वोट बैंक की राजनीति में लिप्त रहना कांग्रेस पार्टी की नीति रही है। चाहे वह बाटला हाउस मुठभेड़ के मुद्दे पर या निराधार 26/11 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साजिश का आरोप लगाने वाली पुस्तक का विमोचन किया जाना था, या केंद्र सरकार के गृह मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे ने जो भी कहा, राष्ट्रीय हितों पर घात, जानकर किया गया राष्ट्रघात है।
पराकाष्ठा जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, आतंकवाद के कृत्यों में आरोपी व्यक्तियों के घरों पर आँसू बहाने आजमगढ़ पहुंच जाते हैं, किन्तु भारतीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा शहीद हो गए और जिन सैनिकों के सिर कटे थे, उनके गांव का दौरा करने के लिए इनके पास समय नहीं है। समझौता एक्सप्रेस विस्फोट में यूपीए सरकार ने लश्कर के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दी थी, जिसके आधार पर अमेरिका ने लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिया था, पर उसी के नेता कांग्रेस के रूप में अचानक राजनीतिक कारणों से 'भगवा आतंकवाद' की बात, आरएसएस - के बारे में मनगढ़ंत कहानी द्वारा भ्रमित करना चाहते हैं, तथा आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई हराना चाहते है।
जब गृह मंत्री राजनीतिक कारणों से आतंक के अपने शिविरों में प्रशिक्षण देने के बारे में आरोप गढ़ते हैं, तब भारत को आतंकवादी देश घोषित किया जाने के अपने प्रयासों में, लश्कर हाफिज सईद ने पाकिस्तान में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी न तो वैचारिक और न ही मानसिक रूप से आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक युद्ध के लिए तैयार है। केवल भाजपा आतंकवाद के किसी भी धार्मिक रंग देने के पूरी तरह से विरुद्ध है। आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक युद्ध लड़ने में सक्षम है।
(जनता से सीधे जुड़े अन्य मुद्दों पर सीधे वीडियो देखें,: राज नाथ सिंह अध्यक्षीय भाषण 2 मार्च 2013- https://www.youtube.com/watch?v=LYgKW66f7_8&list=PL07E4C2D4718D3CC6&index=48)
सभी वीडियो राष्ट्रीय परिषद- https://www.youtube.com/playlist?list=PL07E4C2D4718D3CC6
आंतरिक सुरक्षा संकट पूर्वोत्तर क्षेत्र में अवैध घुसपैठ व नक्सलवाद :
अवैध रूप से बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों के समूहों से, न केवल पूर्वोत्तर राज्यों के जनसांख्यिकीय रूपरेखा बदल रही है, अपितु इस क्षेत्र में रहने वाले भारतीय नागरिकों के साथ भी (हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल हैं) आर्थिक और प्राकृतिक संसाधनों के लिए हिंसा पर उतारू है। जबकि आईएमडीटी अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह भारत पर बाह्य आक्रमण के समकक्ष है। तो इन घुसपैठियों की पहचान तथा एक समयबद्ध कार्यक्रम में लौट जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। एक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पूर्वोत्तर में बनाया जाना चाहिए। सीमा प्रबंधन के लिए एक उचित नीति होनी चाहिए। यूपीए सरकार ने अपने राज्य असम में हिंसा के बाद भी सबक नहीं सीखा है। पश्चिम बंगाल में 24 परगना जिले में हिंसक घटनाए रहे हैं। अब बांग्लादेशी असम से त्रिपुरा, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में फैल रहे हैं । यह सब भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए उत्पन्न चुनौतियों में एक अंतर्दृष्टि देता है। यदि यूपीए सरकार इस संज्ञान में और अवैध घुसपैठ में नकेल नहीं लगाती है तो पूर्वोत्तर आग की लपटों में स्वाहा हो जाएगा।
देश का आधा भूभाग नक्सली चपेट में है, एक एकीकृत नीति की और इस के साथ साथ वहाँ नक्सल समस्या को बौद्धिक समर्थन देने वाले चरम वामपंथी बुद्धिजीवियों को बौद्धिक स्तर पर नियंत्रित की आवश्यकता है।
आर्थिक प्रस्ताव पूरा पदें,/
वीडियो https://www.youtube.com/playlist?list=PL8Z1OKiWzyBH5cYSl-5k2QwQ-UT5oyRRH
राजनैतिक प्रस्ताव पूरा पदें,/
वीडियो https://www.youtube.com/watch?v=CiK-iG_mFL4&list=PL07E4C2D4718D3CC6&index=52
भाजपा सुशासन व अन्य वर्ग:
http://raashtradarpan.blogspot.in/2013/03/2-3-2013_8.html
आर्थिक कुप्रबंधन (संप्रग) /विकास (राजग)कार्यकर्त्ता और संगठन
भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्त्ता आधारित संगठन है। आज भी देश के लोगों को हम सभी कार्यकर्त्ताओं से एक अद्वितीय और प्रतिष्ठित आचरण आपेक्षित है। हम सभी उत्साही कार्यकर्त्ता पार्टी और देश के लिए कुछ करना चाहते हैं। परन्तु राजनीति में, गरिमा और आत्म संयम का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। राजनीति में एक सूक्ष्म बात छिपी है कि एक व्यक्ति राजनीति में उच्च स्थान केवल इसलिए नहीं पा लेता है, कि उसने क्या क्या किया, बल्कि इसलिए अधिक बनता है, कि राजनीति में रहते हुए क्या किया जा सकता था, परन्तु नहीं किया या दूसरे शब्दों में अवसर और लालच होने के बाद भी क्या वह संयम रखता है । इस देश की जनता भाजपा कार्यकर्त्ता के, क्या नहीं किया जाना चाहिए के पक्ष पर, अधिक संवेदनशील रहती हैं।
अंत में संगठनात्मक मूल मंत्र के बारे में राज नाथ सिंह ने कहा :-
यदि हम इसे सारांश में कहें, तो कार्यकर्त्ता के लिए संगठनात्मक मूल मंत्र होना चाहिए:-
व्यक्तिगत स्तर पर 'आत्म संयम'
संगठनात्मक स्तर पर 'समन्वय'
सामाजिक स्तर पर 'सेवा और संघर्ष
राष्ट्र के स्तर पर 'समर्पण'.
तो, संयम, समन्वय, संघर्ष, और समर्पण हमारे संगठनात्मक मूल मंत्र होना चाहिए.
राज नाथ सिंह ने कहा, भारत माता के चरणों में समर्पित देश के अत्यंत दुर्लभ और समर्पित कार्यकर्त्ता समूह से युक्त पार्टी संगठन, को रामचरितमानस से एक उदाहरण दिया कैसे हनुमान जी लंका जा कर सीता माता को दुखी व मुक्त होने के प्रति शंकित जानकर आश्वस्त करते हैं कि अकेले सक्षम होने पर भी, अपने समाज व प्रभु की महिमा के लिए इस कार्य को सबके साथ मिल कर करना चाहते हैं।
हनुमान जी की तरह हमारे सभी कार्य एकजुटता की भावना के साथ पूरे संगठन और हमारे भक्ति का केंद्र इस देश की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने के उद्देश्य से किया जाना चाहिए।
आने वाले चुनावों
दोस्तों, वर्ष 2013 हमारे लिए महत्वपूर्ण है। कुछ ही महीनों में कर्नाटक में चुनाव हैं। इस वर्ष के नवंबर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली में चुनाव हैं। संभवत: झारखंड में चुनाव भी इस वर्ष हो सकता है। यह सभी राज्य हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। लोकसभा के लिए चुनाव किसी भी समय हो सकता है। हो सकता है कि लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय परिषद की यह अन्तिम बैठक है। यह स्पष्ट है कि बैठक के बाद हम सभी कार्यकर्त्ता अपने - अपने क्षेत्र में लोकसभा के लिए तैयारी में, सभी चुनावों में जीत के संकल्प के साथ, और अंत में लोकसभा चुनावों में दिल्ली विजय का संकल्प लिए, हम घर के लिए प्रस्थान करेंगे ।
भारत माता की जय!
जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक